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कौन गाड़ी तेज चला लेगा? इस मजे के लिए एडिशनल SP के इकलौते बेटे की जान ले ली! अरेस्ट

लखनऊ की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के 10 साल के बेटे को एक कार ने टक्कर मार दी थी. पुलिस ने दोनों अरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में तेज कार चलाने के पीछे हैरान करने वाला कारण सामने आया है.

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पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (UP Lucknow) की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव (IPS Sweta Srivastav) के बेटे की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इंडिया टुडे से जुड़े संतोष शर्मा के मुताबिक, दोनो आरोपी सार्थक सिंह और देव श्री वर्मा SUV 700 गाड़ी से रेस लगा रहे थे. दोनों आरोपियों ने आपस में रेस लगाई थी कि कौन ज्यादा तेज गाड़ी चला सकता है.

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रिपोर्ट के अनुसार, सबसे पहले आरोपी देव श्री वर्मा ने 100 किमी प्रतिघंटे के ऊपर की स्पीड पकड़ी. उसके बाद गाड़ी की स्टेरिंग आरोपी सार्थक सिंह ने संभाली. उसने गाड़ी की स्पीड 120 तक पहुंचा दी. तभी गाड़ी ने लखनऊ के G20 तिराहे पर एडिशनल एसपी के बेटे नैमिश को टक्कर मार दी. नैमिश दुर्घटना के वक्त स्केटिंग प्रैक्टिस कर के घर लौट रहा था. मौके पर मौजूद लोग तुरंत बच्चे को अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.

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लाइसेंस को लेकर क्या बहाना बनाया?

टक्कर मारने के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए थे. पूछताछ के दौरान दोनो आरोपियों ने टक्कर मारने की बात मान ली. उन्होंने कहा कि उन्हें अंदाजा हो गया था कि बच्चे की जान नहीं बच पाएगी. इसलिए दोनो वहां से भाग खड़े हुए. पुलिस के मुताबिक इन लोगों के मौके से भागने के बाद उन्हें खोजना शुरू किया गया. घटनास्थल के आसपास कोई CCTV कैमरा नहीं था. थोड़ी दूरी पर एक चाय की दुकान के पास एक CCTV कैमरा लगा था. पुलिस ने इसी कैमरे की मदद से गाड़ी की पहचान की और रूट तैयार किया.

इस तरह पुलिस को गाड़ी का नंबर मिला जिसके बाद दोनों आरोपियों को उनके-उनके घरों से गिरफ्तार किया गया.दोनों आरोपियों के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने उनसे लाइसेंस मांगा. पहले दोनों ने कहा कि उनके पास लर्निंग लाइसेंस है, लेकिन वो लर्निंग लाइसेंस भी दिखा नहीं पाए. 

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