राजूपाल मर्डर के गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में 13 अप्रैल को एक बड़ी कार्रवाई हुई. यूपी पुलिस ने मर्डर केस के मुख्य आरोपी असद अहमद और उसके एक साथी गुलाम मोहम्मद को एनकाउंटर में मार दिया. उमेश पाल पर 24 फरवरी, 2023 को उनके घर के बाहर हमला हुआ था. हमले के समय के सीसीटीवी में असद और गुलाम दोनों गोलियां चलाते नजर आए थे. मर्डर वाले दिन से लेकर अबतक क्या-क्या हुआ? सब जानते हैं 10 पॉइंट् में.
उमेश पाल मर्डर से असद के एनकाउंटर तक क्या-क्या हुआ? 10 पॉइंट में पूरी कहानी
48 दिन कैसे लग गए UP STF को असद तक पहुंचने में?

1- उमेश पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी जया पाल ने प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, और पांच शूटर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. सीसीटीवी में दिखे शूटर्स पर ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया.
2- उमेश पाल मर्डर के अगले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की विधानसभा में इस पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि सरकार कार्रवाई कर रही है. माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे.
3- 27 फरवरी को यूपी पुलिस ने प्रयागराज के नेहरू पार्क में उमेश पाल मर्डर के एक आरोपी अरबाज को घेर लिया. दोनों तरफ से गोलियां चलीं. अरबाज पुलिस की गोली में मारा गया. अरबाज पूर्व सांसद अतीक अहमद का करीबी था. वो अतीक अहमद की गाड़ी चलाता था.
4- 6 मार्च की सुबह प्रयागराज के कौंधियारा इलाके़ में पुलिस और उमेश पाल मर्डर के एक अन्य आरोपी विजय के बीच मुठभेड़ हुई. विजय को गोली लग गई. अस्पताल भेजा गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने ये भी बताया कि विजय कुमार को उसके गैंग में उस्मान चौधरी के नाम से जाना जाता था.
5- 13 मार्च को उमेश पाल हत्याकांड के पांच आरोपियों पर इनाम की राशि ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख कर दी गई. इन आरोपियों में असद अहमद के साथ ही अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर का नाम शामिल था.
6- 13 अप्रैल को उमेश पाल मर्डर केस में फरार चल रहे अतीक के बेटे असद का यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया. एनकाउंटर में असद के साथ शूटर गुलाम भी ढेर हो गया.
7- पुलिस से जुड़े कुछ सूत्रों ने बताया कि असद अहमद और शूटर गुलाम मोहम्मद ने 2 महीने में 6 शहर बदले थे. इस दौरान इन्होंने कम से कम 10 सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था.
8- इन्हीं सूत्रों के मुताबिक असद उमेश पाल पर हमला करने के बाद सबसे पहले प्रयागराज से लखनऊ आया था. लखनऊ में कुछ समय बिताने के बाद वो कानपुर भाग गया. कानपुर से मेरठ गया और मेरठ में करीब एक हफ्ते तक छिपा रहा.
9- इसके बाद वो अपने साथी गुलाम के साथ दिल्ली चला गया. दोनों दिल्ली के संगम विहार इलाके में कुछ दिन रहे और फिर राजस्थान के अजमेर पहुंच गए. यहां से उन्होंने मध्य प्रदेश भागने का फैसला किया.
10- अधिकारियों ने कहा कि अतीक के गैंग में उनका एक मुखबिर था, जो उन्हें असद के ठिकानों के बारे में बताता रहता था. असद और गुलाम अजमेर से झांसी पहुंचे, यहां से दोनों बाइक पर सवार होकर मध्य प्रदेश के लिए निकले थे, तभी STF की टीम ने उन्हें रास्ते में घेर लिया. आगे जो हुआ वो हम पहले आपको बता ही चुके हैं.
वीडियो: अतीक अहमद बेटे असद के जनाजे में क्यों नहीं होगा शामिल, वकील ने बताई वजह