यूनाइटेड किंगडम, UK ने गुजरात के जामनगर में स्थित वाडीनार तेल रिफाइनरी पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस रिफाइनरी का मालिकाना हक Nayara Energy Limited के पास है. कुछ महीने पहले यूरोपीय संघ ने भी इस पर प्रतिबंध लगाया था. दरअसल, ये प्रतिबंध रूसी तेल कंपनियों के खिलाफ लगाए गए हैं. नायरा एनर्जी लिमिटेड में 49.13% हिस्सेदारी रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट के पास है. इसी के चलते उस पर प्रतिबंध लगा है.
यूके का ‘एनर्जी अटैक’! भारत की वाडीनार रिफाइनरी पर भी लगा रूस वाला प्रतिबंध
Nayara Energy Limited पर Sanction लगाने की जानकारी देते हुए Britain के अधिकारियों ने कहा कि इसने 2024 में रूस से अकेले 100 मिलियन बैरल तेल इम्पोर्ट किया था. इसकी कीमत ग्लोबल एनर्जी मार्केट में 5 बिलियन डॉलर से भी अधिक बताई गई है.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार यूके ने रूस से जुड़ी कुल 90 संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं. रूस की कमाई पर चोट पहुंचाने के उद्देश्य से ये कदम उठाया गया है. ब्रिटेन के अधिकारियों का कहना है कि इससे रूस की तेल से होने वाली कमाई घटेगी और ग्लोबल एनर्जी मार्केट तक उसकी पहुंच सीमित हो जाएगी.
रूस की 28.7 अरब पाउंड की संपत्ति जब्तनायरा एनर्जी लिमिडेट पर सैंक्शन लगाने की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि इसने 2024 में रूस से अकेले 100 मिलियन बैरल तेल इम्पोर्ट किया था. इसकी कीमत 5 बिलियन डॉलर से भी अधिक बताई गई है. इसके अलावा ब्रिटेन ने चीन के चार टर्मिनल और रूस की शैडो फ्लीट के 44 टैंकर पर भी प्रतिबंधों की घोषणा की है.
ब्रिटेन के अधिकारियों के मुताबिक नए प्रतिबंधों का सीधा असर रूस की तेल कंपनियां रोसनेफ्ट और लुकोइल पर पड़ेगा. यह वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनियों में शामिल हैं. यह दोनों कंपनियां मिलकर हर दिन लगभग 31 लाख बैरल कच्चा तेल निर्यात करती हैं. द हिंदू ने ब्रिटिश सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के हवाले से बताया कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ब्रिटेन ने रूस की कुल 28.7 अरब पाउंड की संपत्ति ज़ब्त की है. इससे पहले ब्रिटेन ने जनवरी 2025 में रूस की तीसरी और चौथी सबसे बड़ी तेल कंपनियों, गज़प्रोम नेफ्ट और सर्गुतनेफ़्तेगास पर भी प्रतिबंध लगाए थे.
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रिपोर्ट में एनालिटिक्स कंपनी कैप्लर के हवाले से बताया गया है कि भारत की सरकारी तेल कंपनियों ने जून और सितंबर के बीच रूस से कच्चे तेल के आयात में 45% की कटौती की है. वहीं नायरा एनर्जी ने कथित तौर पर रूस से कच्चे तेल का इम्पोर्ट बढ़ाया है. जो कि अक्टूबर में इस साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.
बता दें कि नायरा एनर्जी लिमिटेड की वाडिनार रिफायनरी भारत की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी है. इसकी सालाना 20 मिलियन टन तेल रिफाइन करने की क्षमता है. इसे दुनिया की सबसे जटिल रिफाइनरीज में से एक माना जाता है. भारत की एनर्जी सिक्योरिटी के लिहाज से भी यह महत्वपूर्ण रिफाइनरी है. पश्चिमी तट पर स्थित होने के कारण यहां मिडिल ईस्ट से भी कच्चे तेल की सप्लाई आसान है. यहां से घरेलू जरूरतों के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए भी तेल एक्स्पोर्ट किया जाता है. कंपनी अपने बारे में लिखती है कि भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता में उसकी अकेले की हिस्सेदारी 8 फीसदी है. हालांकि, रूसी कंपनी के पास इसका अधिकतर शेयर होने से कंपनी को हाल के समय में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की चपेट में नायरा एनर्जी भी आई है. इससे उसके ऑपरेशन पर प्रभाव पड़ा है.
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