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जब पुतिन से पूछा गया, 'सत्ता में रहते हुए किसी बात का पछतावा?' रूसी राष्ट्रपति ने ये जवाब दिया

पुतिन ऐसे दौर में भारत यात्रा पर आ रहे हैं, जब डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका भारत पर रूस से व्यापार कम करने का दबाव बना रहा है.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन. (India Today)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का भारत दौरा शुरू होने को है. पुतिन चार साल के अंतराल के बाद दिल्ली में होंगे. सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस दौरे से पहले इंडिया डुटे चेयरमैन अरुण पुरी और वाइस चेयरमैन कली पुरी ने पुतिन से मॉस्को में मुलाकात की.

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पुतिन से मुलाकात के बाद अरुण पुरी ने दोनों के बीच हुई बातचीत की संक्षिप्त जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उन्होंने पुतिन से पूछा कि 'क्या उन्हें अपने 25 साल के राष्ट्रपति कार्यकाल में किसी बात का पछतावा है?' पुतिन ने थोड़ा सोचा और कहा, “मैं कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता.”

पुतिन पिछले 25 सालों से रूस की सत्ता संभाल रहे हैं. साल 2000 से 2008 तक वे राष्ट्रपति पद पर रहे. इसके बाद 4 साल के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला. फिर 2012 से लगातार राष्ट्रपति पद पर आसीन हैं.

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पुतिन के व्यक्तित्व पर अरुण पुरी ने कहा,

मिलने पर वे बिल्कुल अलग लगे. वे ऐसे व्यक्ति दिखे जिनका इतिहास और दुनिया को देखने का अपना नज़रिया है. पुतिन बहुत स्पष्ट थे कि वे क्या संदेश देना चाहते हैं.

इस मुलाकात के बारे में कली पुरी ने भी जानकारी दी. पुतिन से मिलकर कली कहती हैं,

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पुतिन बहुत दोस्ताना, मिलनसार और शांत स्वभाव के लगे, जो उनकी कठोर छवि से अलग है. पुतिन पर्यावरण जैसे मुद्दों में भी दिलचस्पी दिखा रहे थे, जिनके बारे में लोग सोचते थे कि वे ध्यान नहीं देते.

गौरतलब है कि पुतिन ऐसे दौर में भारत यात्रा पर आ रहे हैं, जब डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका भारत पर रूस से व्यापार कम करने का दबाव बना रहा है. वॉशिंगटन डीसी ने दिल्ली पर दबाव बनाने के लिए 25 प्रतिशत टैरिफ के साथ 25 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ भी लगाया है, क्योंकि भारत रूस से तेल खरीदने वाला बड़ा ग्राहक है. 

टैरिफ्स लागू होने के बाद बीते दिनों ऐसी रिपोर्ट्स सामने आईं कि भारत ने रूस से तेल खरीद में कटौती की है. जाहिर है पुतिन की भारत यात्रा के दौरान टेबल पर पश्चिमी दबाव का मुद्दा भी औपचारिक या अनौपचारिक रूप से चर्चा का विषय जरूर होगा.

वीडियो: पुतिन के भारत दौरे से पहले सुरक्षा की तैयारी, पांच-स्तरीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का आयोजन किया गया

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