उदयपुर में दो दिन पहले टेलर कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या की गई. हत्यारों ने हत्या से पहले कन्हैयालाल से कहा था कि तुम्हें 'जीने का कोई अधिकार नहीं' है क्योंकि तुमने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ लिखा था. ये बात FIR से सामने आई है. कन्हैया की हत्या कथित रूप से बीजेपी की निलंबित नेता नुपूर शर्मा के समर्थन में एक फेसबुक पोस्ट के कारण की गई. नुपूर शर्मा ने पिछले महीने पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद ही इस विवाद ने तूल पकड़ा था.
FIR से हुआ खुलासा, हत्यारों ने कन्हैया से कहा था- "तुम्हें जिंदा रहने का कोई हक़ नहीं"
"जब मैं पापा की दुकान पर पहुंचा तो वे दुकान के बाहर पड़े थे."

कन्हैयालाल के बेटे यश तेली ने पिता की हत्या पर एक FIR दर्ज करवाई. यश की उम्र 20 साल है. उसने बताया कि उसे पापा पर हमले की जानकारी एक रिश्तेदार से 28 जून को दोपहर 3:30 बजे मिली थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यश उदयपुर के ही हिरन मगरी इलाके में अलग दुकान चलाता है. उसने FIR में बताया है,
"जब मैं पापा की दुकान पर पहुंचा तो वे खून से लथपथ दुकान के बाहर पड़े थे. उनकी गर्दन, चेहरे और बायें हाथ पर गहरे जख्म के निशान थे. यह घटना दोपहर करीब तीन बजे हुई थी."
उदयपुर के मालदास स्ट्रीट में कन्हैयालाल की दुकान थी. उनकी दुकान का नाम 'सुप्रीम टेलर्स' था. घटना के वक्त कन्हैया की दुकान में उनके साथ दो और वर्कर भी थे. राजकुमार शर्मा और ईश्वर गौड़. FIR में यश ने पिता के सहकर्मी राजकुमार शर्मा के हवाले से बताया,
कपड़े की नाप देने के बहाने आए थे आरोपी"दोनों ने कन्हैयालाल पर धारदार हथियारों से हमला किया. मारते हुए वे कहने लगे कि तुमने हमारे पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ लिखा है तुम्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है. हमने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन वे हम पर भी हमला करने लगे. इसके बाद ईश्वर गौड़ भी गंभीर रूप से घायल हो गया. गर्दन और हाथ पर हमले से कन्हैयालाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे, इसलिए उनकी मौके पर ही मौत हो गई."
इससे पहले दुकान में काम करने वाले ईश्वर गौड़ ने कहा था कि हत्यारे कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान में आए थे. ईश्वर उनकी दुकान पर 10 सालों से काम कर रहे हैं. उन्होंने दैनिक भास्कर को बताया था कि जब सेठजी (कन्हैयालाल) नाप ले रहे थे तभी उन पर हमला किया गया था. वीडियो में भी दिखता है कि आरोपी मोहम्मद रियाज धारदार हथियार से हमला करता है. वीडियो बनाने वाला आरोपी गौस मोहम्मद था. पुलिस ने घटना के दिन ही दोनों को गिरफ्तार किया था.
FIR दर्ज होने के बाद यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के पास चला गया है. केंद्र सरकार ने 29 जून को मामले में एनआईए जांच का आदेश दिया था. इसके बाद जांच एजेंसी ने UAPA और आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया.