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उदयपुर केस में बड़ा अपडेट, NIA की टीम कन्हैया की हत्या में इंटरनेशनल लिंक की जांच करेगी!

आरोपी मोहम्मद रियाज ने वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जान से मारने की धमकी दी थी.

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गृह मंत्री अमित शाह और कन्हैयालाल मर्डर के दोनों आरोपी (फोटो- पीटीआई/वीडियो स्क्रीनग्रैब)

राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल मर्डर (Kanhaiya Lal murder) केस की जांच अब NIA करेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार 29 जून को एक निर्देश जारी किया. कहा गया कि मामले में किसी संगठन और किसी इंटरनेशनल लिंक के संलिप्त होने की विस्तार से जांच की जाएगी. NIA आतंकी घटनाओं से जुड़े मामलों की जांच करने वाली देश की राष्ट्रीय एजेंसी है. कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या करने के बाद आरोपी मोहम्मद रियाज ने एक वीडियो बनाया था, जिसमें उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जान से मारने की धमकी दी थी.

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NIA टीम पहुंची थी उदयपुर

इससे पहले मंगलवार 28 जून को कन्हैया की हत्या के बाद NIA की एक टीम उदयपुर गई थी. समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया था कि इस टीम में एक डीआईजी रैंक के अधिकारी भी शामिल थे. एनआईए की टीम गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज कर सकती है.

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राजस्थान सरकार ने भी मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी. हत्याकांड में राजस्थान पुलिस ने दोनों आरोपियों मोहम्मद रियाज और गोस मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया था. रियाज ने जो वीडियो जारी किया था, उसमें वो एक धारदार हथियार के साथ दिख रहे हैं. रियाज ने उसी हथियार से कन्हैयालाल की गला रेतकर हत्या कर दी थी. गोस मोहम्मद इस पूरी घटना का वीडियो बना रहा था.

दावत-ए-इस्लामी से आरोपियों के संबंध

वहीं इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि यह एक "आतंकी कृत्य" है. मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं 10 लोगों को हिरासत में भी लिया गया. रिपोर्ट के अनुसार दोनों आरोपियों के संबंध पाकिस्तान स्थित एक सुन्नी मुस्लिम संगठन 'दावत-ए-इस्लामी' से बताए जा रहे हैं. इस संगठन का काम पैंगबर मोहम्मद के विचारों का प्रचार-प्रसार करना है. भारत में भी दिल्ली और मुंबई में संगठन के कार्यालय है. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि आरोपियों ने इस हत्या को संगठन के इशारे पर अजाम दिया हो.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा कि ये घटना कोई मामूली नहीं है. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 

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"आरोपियों के क्या प्लान थे, उनके क्या लिंक हैं राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय सभी पहलुओं की जांच होगी. मेरा अनुभव कहता है कि बिना रेडिकल एलिमेंट से जुड़े ऐसी घटना नहीं हो सकती है. इसलिए उसी तरीके से जांच शुरू की गई है."  

कैसे शुरू हुआ विवाद?

ये पूरा विवाद पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के बाद शुरू हुआ था. बीजेपी की निलंबित नेता नुपूर शर्मा ने पिछले महीने पैगंबर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. नुपूर शर्मा की काफी आलोचना हुई थी. कन्हैयालाल के फेसबुक पर नुपूर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया गया था. इसी पोस्ट को लेकर नाजिम नाम के शख्स ने कन्हैयालाल के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था. उसे लगातार जान से मारने की धमकी मिलने लगी. उन्हें कई दिनों तक अपनी दुकान बंद करनी पड़ी. 

धमकी मिलने के बाद कन्हैयालाल ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. उनका कहना था कि उनके बेटे ने गलती से फेसबुक पोस्ट कर दी थी, जिसकी उन्हें जानकारी भी नहीं थी. उन्होंने शिकायत में पुलिस से सुरक्षा भी मांगी थी. बाद में दोनों पक्षों के बीच पुलिस ने 15 जून को समझौता करा दिया था. इसके बावजूद कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई.

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