बिहार के नालंदा जिले के सात चालाकों ने नासिक की करेंसी नोट प्रेस में नौकरी पाने के लिए ऐसा जुगाड़ लगाया कि अब मुंबई पुलिस उनके पीछे पड़ गई है. मामला है फर्जी सर्टिफिकेट और डमी कैंडिडेट्स के जरिए नौकरी हथियाने का (Nashik Currency Note Press Job Fraud). सातों ने मिलकर करेंसी नोट प्रेस को चूना लगाया. लेकिन अब इनकी पोल खुल गई है, और मुंबई की पवई पुलिस इनके पीछे लग गई है. सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है.
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2022-23 में नासिक में करेंसी नोट प्रेस ने जूनियर टेक्नीशियन (स्टैंप/कंट्रोल), जूनियर टेक्नीशियन (वर्कशॉप/इलेक्ट्रिकल), और सुपरवाइजर के पदों के लिए भर्ती निकली थी.

बात शुरू होती है 2022-23 में. जब नासिक में करेंसी नोट प्रेस ने जूनियर टेक्नीशियन (स्टैंप/कंट्रोल), जूनियर टेक्नीशियन (वर्कशॉप/इलेक्ट्रिकल), और सुपरवाइजर के पदों के लिए भर्ती निकाली. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन कुछ हफ्ते पहले प्रेस को खबर मिली कि कुछ कैंडिडेट्स ने गड़बड़झाला करके नौकरी पकड़ ली. बस फिर क्या, प्रेस के अफसरों ने जांच शुरू की. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मामले की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए जो पवई के ION डिजिटल जोन में 13 मार्च 2022 और 4 मार्च 2023 को हुए एग्जाम के थे. और यहीं से सारा काला चिट्ठा खुल गया.
फर्जी ITI और डिप्लोमा सर्टिफिकेट जमा किएपता चला कि इन सातों ने ना सिर्फ फर्जी ITI और डिप्लोमा सर्टिफिकेट जमा किए, बल्कि एग्जाम में अपने बदले डमी कैंडिडेट्स को बिठाया. यानी, खुद तो बैठे ही नहीं, किसी और को पेपर लिखने भेज दिया! सर्टिफिकेट की जांच हुई तो वो भी जाली निकले. करेंसी नोट प्रेस ने तुरंत नासिक के उपनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की. डिप्टी मैनेजर (लीगल) विक्रमसिंह चौधरी ने FIR दर्ज कराई, जिसमें साफ कहा गया कि इन सातों ने नकली कागजात के दम पर नौकरी हथियाकर न सिर्फ प्रेस को ठगा, बल्कि हकदार कैंडिडेट्स के साथ भी धोखा किया. नासिक पुलिस ने जीरो FIR दर्ज की और केस को पवई पुलिस को ट्रांसफर कर दिया, क्योंकि एग्जाम पवई में हुआ था.
ठगों की पहचान रविरंजन कुमार, संदीप कुमार, शिशुपाल कुमार, आयुष्य राज, राजीव सिंह, संदीप कुमार (हां, दो संदीप हैं!), और आशुतोष कुमार के रूप में हुई है. इन सातों ने मिलकर करेंसी नोट प्रेस के साथ फ्रॉड किया. पवई पुलिस इन सातों की तलाश में जुट गई है, लेकिन खबर है कि सारे के सारे फरार हैं.
पुलिस का कहना है कि ये लोग नालंदा के रहने वाले हैं और इनका पुराना रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है. पुलिस अब इन सातों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है. साथ ही, जांच में ये भी देखा जा रहा है कि क्या इनके पीछे कोई बड़ा रैकेट तो नहीं.
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