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ध्रुव त्यागी मर्डर केस को हिंदू-मुस्लिम एंगल देने पर उनके भाई ने जो समझदारी दिखाई, काश सब दिखाते

अगर पिता को मारने वाले का धर्म जान रहे हैं तो बेटे को बचाने वाले का धर्म भी जान लीजिए.

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घटना में मारे गए ध्रुव त्यागी के भाई ने कहा है कि 'इस मामले को हिंदू मुस्लिम रंग ना दें'
कह रहे हैं भारत सुपर पावर बनने की ओर आगे बढ़ रहा है. एक तरह से विश्वगुरु वाली बात है. शहरों के सीने पर कंक्रीट के जंगल बेतरह उग आए हैं जो ज़्यादातर लोगों का सीना चौड़ा करने को काफ़ी हैं. लेकिन इन्हीं शहरों में किसी शख़्स का सीना चाकुओं से गोद दिया जाता है. क्योंकि वो शख़्स अपनी बेटी से हुई छेड़छाड़ का विरोध कर रहा था. इस घटना पर हमारी स्टोरी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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# हुआ क्या था?

नई दिल्ली में मोती नगर के बसई दारापुर की बात है. 51 साल के धुव्र राज त्यागी देर रात अपनी बेटी और बेटे के साथ अस्पताल से वापस आ रहे थे. बेटी को माइग्रेन की समस्या थी. अपने पिता और भाई के साथ अस्पताल गई थी. घर के पास पहुंचे तो गली में खड़े लोगों से रास्ता मांगने के पीछे उनका झगड़ा हो गया. पिता ने बेटी को घर छोड़ा और पड़ोसी को समझाने वापस आए. वहां दोबारा झगड़ा हुआ और पिता धुव्र राज त्यागी की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई.
वजह थी बेटी से छेड़छाड़ का विरोध. घटना में मारे गए ध्रुव त्यागी अपनी बेटी से छेड़छाड़ का विरोध कर रहे थे. और आरोपी के पूरे परिवार ने मिलकर ध्रुव त्यागी और उनके बेटे पर हमला कर दिया. जिसमें ध्रुव त्यागी मारे गए और उनका बेटा अभी तक अस्पताल में भर्ती है.
बाईं तरफ़ पिता ध्रुव त्यागी, दाईं ओर लड़की का छोटा भाई
बाईं तरफ़ पिता ध्रुव त्यागी, दाईं ओर लड़की का छोटा भाई

# घर की महिला ने लाकर दिया था चाकू:

पीड़ित परिवार का कहना है कि जहांगीर, उनकी पत्नी और बेटी घर की बालकनी से उनपर पत्थर बरसा रहे थे. पुलिस को बताया गया कि जहांगीर की पत्नी ने ही जहांगीर को चाकू लाकर दिया था. ध्रुव त्यागी के सीने के पास दो बार चाकू से वार किया गया. त्यागी के बेटे अनमोल ने पुलिस को बताया कि जब उनकी बहन बीच बचाव के लिए पहुंची तो, जहांगीर के परिवार ने उन पर भी हमला किया, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं.

# मामले में और गिरफ्तारियां हुई हैं:

मामले के अगले ही दिन पुलिस ने दो नाबालिगों समेत चार लोगों को गिरफ़्तार कर लिया था. अब आरोपी जहांगीर के ही परिवार से दो और महिलाओं की गिरफ़्तारी हुई है. बताया जा रहा है कि दोनों महिलाएं आरोपी जहांगीर की मां और बहन हैं.

# जो ध्रुव त्यागी के भाई ने कहा वो हमें सुनना चाहिए:

दिल्ली में हुए इस हत्याकांड को शुरुआत से कुछ संगठनों ने हिंदू मुस्लिम रंग देने की कोशिश की. मामला भले ही छेड़छाड़ और गुण्डई का था लेकिन कुछ लोग इसे चुनावी कलेवर में लाने की भरपूर कोशिश में थे. लेकिन मारे गए ध्रुव त्यागी के भाई ने मीडिया को जो बयान दिया वो हम सबको जानना चाहिए. उन्होंने कहा-

हमने एक शोकसभा का आयोजन किया था. उसमें कुछ संगठन भी आए थे. शोकसभा में कुछ बाहरी लोग भी शामिल हो गए थे. लेकिन हमने पहले दिन से इस बात को कहा है कि इस घटना को हिंदू मुस्लिम का रंग ना दिया जाए. हमारे साथ जो हादसा हुआ वो बेहद दुखद है. और मैं सिर्फ़ ये चाहता हूं कि आगे ऐसा किसी और के साथ ना हो. मैंने पुलिस कमिश्नर के सामने भी यही मांग रखी है कि इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाए जिससे कोई घटना ना हो.

मृतक ध्रुव त्यागी के परिवार ने समाज को साफ़ संदेश दिया है कि वो मामले को साम्प्रदायिक नहीं होने देंगे.


# साम्प्रदायिक सोच वालों को ये भी जानना चाहिए:

मामले में हमारी कुछ स्थानीय लोगों से बात हुई. ध्रुव त्यागी और जहांगीर दोनों के परिवारों को जानने वाले मोहित से हमने बात की. उन्होंने हमें बताया कि-

कुछ लोग घटना के बाद से ही मामले को हिंदू मुस्लिम जैसा दिखाने की लगातार कोशिश में हैं. लेकिन हमारे पूरे मोहल्ले ने तय कर लिया है कि इस घटना को एक आपराधिक घटना के तौर पर ही देखा जाए. कुछ लोग नारे लगाते हुए ध्रुव त्यागी के घर भी गए थे जहां से उन्हें त्यागी के परिवार वालों ने भगा दिया. और लोग ये क्यों भूल रहे हैं कि अगर आज ध्रुव त्यागी के बेटे अनमोल ज़िंदा हैं तो उसके पीछे भी एक मुस्लिम है. रियाज़ अहमद ही वो शख़्स हैं जिन्होंने अनमोल को अस्पताल पहुंचाया. अगर अनमोल समय से अस्पताल नहीं पहुंचते तो आज शायद घटना और बड़ी होती.

बहरहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. शोकसभा हो चुकी है. लोगों से शांत रहने की अपील भी की जा चुकी है. लेकिन घटना कई सवाल हमारे सामने खड़े करती है. और उनमें से एक सवाल ये भी है कि 'शहर के बीच चौराहे चाकुओं से गोद कर मारा गया आख़िरी शख़्स कौन होगा?'




वीडियो देखें:

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