हंगरी की खिलाड़ी से हार जूडो में भारत की इकलौती उम्मीद खत्म
सुशीला देवी राउंड ऑफ 32 में हारी.
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सुशीला देवी. फोटो: AP
टोक्यो ओलंपिक्स में जहां एक तरफ मीराबाई चानू ने भारतीय मेडल का खाता खोल दिया है. वहीं जूडो से एक निराश करने वाली खबर आई है. भारतीय जूडो स्टार सुशीला देवी लिक्माबम पहले ही मुकाबले में हारकर बाहर हो गई हैं. सुशीला देवी को 48 kg वर्ग में हंगरी की इवा सेरनोविज्की ने हराया. इवा इस जीत के साथ अंतिम-16 में पहुंच गई हैं. जहां पर उनका मैच जापान की फुना तोनाकी से होगा. इवा लंदन ओलंपिक की ब्रॉन्ज़ मेडेलिस्ट रहीं हैं.
एलिमिनेशन के राउंड ऑफ 32 में सुशीला देवी को इवा ने महज़ 2.40 मिनट में हरा दिया. 2.40 मिनट की इस भिड़त में सुशीला कुमारी ने जुझारूपन तो खूब दिखाया लेकिन एक छोटी सी चूक के चलते उन्हें ये मैच गंवाना पड़ गया. जिसकी वजह से जूडो में भारत की इकलौती उम्मीद खत्म हो गई. मणिपुर से आने वाली 26 वर्षीय सुशीला के लिए वैसे भी ये राह आसान नहीं थी. टोक्यो ओलंपिक्स में वो भारत की इकलौती जूडो खिलाड़ी हैं. सुशीला उपमहाद्वीपीय कोटे से पहली बार ओलंपिक तक पहुंचने में कामयाब रही थीं. एमसी मैरी कॉम को अपना आदर्श मानने वालीं सुशीला ने मुकाबले की शुरुआत शानदार ढंग से की थी. लेकिन अच्छी शुरुआत के बाद वो हंगरी की खिलाड़ी के सामने गलती कर बैठीं. भले ही सुशीला भारत के लिए मेडल ना जीत पाईं हों लेकिन ओलंपिक्स में शिरकत करना ही अपने आप में बड़े सम्मान की बात है.
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