फ्रांस में राजनीतिक संकट गहरा गया है. प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू (François Bayrou) सोमवार, 8 सितंबर को संसद में विश्वास मत हार गए. इसके साथ ही उनकी सरकार गिर गई है. अब वे मंगलवार, 9 सिंतबर की सुबह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं. बायरू को 364 सांसदों ने हटाने के पक्ष में और सिर्फ 194 ने समर्थन में वोट दिया.
फ्रांस में फिर गिरी सरकार, PM फ्रांस्वा बायरू ने बहुमत खोया, अब किसे चुनेंगे राष्ट्रपति मैक्रों?
France government collapse: प्रधानमंत्री Francois Bayrou पिछले दो सालों में राष्ट्रपति Emmanuel Macron के नियुक्त किए गए तीसरे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें पद से हटना पड़ रहा है. उनसे पहले PM Michel Barnier भी अविश्वास प्रस्ताव हार गए थे.


बायरू को प्रधानमंत्री बने अभी सिर्फ आठ महीने ही हुए थे. वे राष्ट्रपति मैक्रों के तीसरे प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें पिछले दो सालों में इस्तीफा देना पड़ा है. इससे पहले मिशेल बार्नियर (Michel Barnier) ने केवल तीन महीने में पद छोड़ा था, और उससे पहले गेब्रियल अत्ताल (Gabriel Attal) भी आठ महीने ही पद पर रहे. मैक्रों के लिए ये मुश्किल है कि 2022 से चल रहे उनके दूसरे कार्यकाल में उन्हें पांचवा प्रधानमंत्री ढूंढना पड़ेगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री बायरू ने खुद ही अचानक संसद में विश्वास मत की मांग की थी. उनका कहना था कि फ्रांस का बजट घाटा यूरोपीय यूनियन की तय सीमा (3%) से लगभग दोगुना हो चुका है और देश का कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 114% तक पहुंच गया है.
उन्होंने 2026 तक 44 अरब यूरो की बचत करने की योजना पेश की थी. लेकिन विपक्षी दल उनके इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हुए और उन्हें सत्ता से हटा दिया.
बायरू ने वोटिंग से पहले संसद में कहा कि 'हम कर्ज से डूब रहे हैं.' उन्होंने कहा कि अगर अभी खर्चों पर काबू नहीं पाया गया, तो फ्रांस का भविष्य और उसकी अंतरराष्ट्रीय साख खतरे में पड़ जाएगी. लेकिन संसद में मौजूद अलग-अलग विचारधाराओं वाले विपक्षी दलों ने एकजुट होकर बायरू की अल्पमत सरकार को गिरा दिया.
आगे क्या होगा?
अब राष्ट्रपति मैक्रों को कुछ ही दिनों में नया प्रधानमंत्री नियुक्त करना होगा. एलीसी पैलेस के मुताबिक, मैक्रों जल्द ही नए प्रधानमंत्री का नाम घोषित करेंगे. वे अपने ही सेंट्रिस्ट गुट से किसी नेता को नामित कर सकते हैं, या फिर किसी कंजरवेटिव या समाजवादी नेता को भी आजमा सकते हैं.
एक और विकल्प यह भी है कि वे किसी तकनीकी विशेषज्ञ (Technocrat) को प्रधानमंत्री बनाएं. हालांकि, मौजूदा हालात में किसी भी नेता के लिए संसद में स्पष्ट बहुमत हासिल करना मुश्किल है. 2027 में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, और ऐसे में मैक्रों के लिए आगे की राह काफी मुश्किल नजर आ रही है.
वीडियो: ट्रंप के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने टैरिफ को लेकर क्या कहा? EU से भी मांगी मदद