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नेपाल में तख्तापलट करने वाला Gen Z प्रोटेस्ट इस बंदे ने करवाया

Nepal Gen Z Protest के बीच प्रधानमंत्री KP Sharma Oli ने इस्तीफा दे दिया है. राजनीतिक भूचाल मचाने वाले इस आंदोलन के पीछे एक नाम उभरकर आ रहा है- Sudan Gurung, जो Hami Nepal के अध्यक्ष हैं.

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सुदन गुरुंग 'हामी नेपाल' नामक NGO के संस्थापक और अध्यक्ष हैं.

Nepal Gen Z Protest News: नेपाल में जेन जी प्रोटेस्ट के दूसरे दिन हालात इतने बिगड़ गए कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ गया. इस विरोध प्रदर्शन में कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि 250 से ज्यादा घायल हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और वित्त मंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल को जनता ने खूब पीटा. इसके वीडियो भी सामने आए. कई मंत्री जान बचाकर भाग रहे हैं. नेताओं के घरों और दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई है.

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सवाल उठता है कि नेपाल में तेजी से बदले हालात के पीछे आखिर कौन है, जिसने देश की समूची राजनीतिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर दिया. इतने बड़े राजनीतिक भूचाल के पीछे जो नाम तेजी से उभरकर सामने आ रहा है, वो है- सुदन गुरुंग. 'हामी नेपाल' नामक गैर-सरकारी संस्था (NGO) के संस्थापक और अध्यक्ष सुदन गुरुंग ही वो शख्स हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों को ‘समझाया’ और उनके दिमाग में बैठाया कि आंदोलन कैसे करना है.

Sudan Gurung Nepal Protest
सुदन गुरुंग. (Instagram/HamiNepal)

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 36 साल के सुदन गुरुंग ने इंस्टाग्राम पर एक पिछली पोस्ट में माना कि उनके ग्रुप ने आधिकारिक तौर पर रैली की परमिशन मांगी थी. उन्होंने पुष्टि की कि इस रैली के लिए उनके ग्रुप ने छात्रों से स्कूल यूनिफॉर्म पहनने, किताबें लाने को कहा, ताकि शांतिपूर्ण विरोध का मैसेज जाए.

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कौन हैं सुदन गुरुंग?

जमीनी स्तर के नेता: 2015 के भूकंप के बाद बने एक यूथ NGO 'हामी नेपाल' के अध्यक्ष हैं.

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हादसे के शिकार: नेपाली अखबार दी अन्नपूर्णा एक्सप्रेस के अनुसार, सुदन ने भूकंप के दौरान अपने बच्चे को खो दिया. इस घटना ने उनके जिंदगी की दिशा बदल दी.

पार्टी प्लानर से सामाजिक कार्यकर्ता बने: पहले एक इवेंट ऑर्गेनाइजर के तौर पर काम किया, फिर आपदा राहत और सामाजिक कामों में जुट गए.

ट्रैक रिकॉर्ड: बीपी कोइराला इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज में पारदर्शिता के लिए धरान के 'घोपा कैंप' विरोध प्रदर्शन को लीड किया.

Gen Z की आवाज: खुद को एक ऐसे ऑर्गेनाइजर के तौर पर सामने लाए, जो डिजिटल दौर में हताशा और निराशा को व्यवस्थित और पीसफुल एक्शन में बदल देता है.

ब्लैकआउट से पहले 'हामी नेपाल' ने विरोध प्रदर्शनों के रूट और सेफ्टी से जुड़े निर्देशों को बताने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद बड़े पैमाने पर छात्र सड़कों पर उतरे और देश की पॉलिटिकल लीडरशिप को घुटनों पर लाए. हालांकि, अब यह प्रदर्शन हिंसक हो चुका है, जिसमें नेताओं के घरों और दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की जा रही है.

वीडियो: नेपाल में Gen-Z के प्रोटेस्ट के दूसरे दिन हिंसा, कई बड़े नेताओं का घर फूंका

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