टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने गई ‘टाइटन’ पनडुब्बी (Titanic Submarine) में विस्फोट हो गया था. जिसकी वजह से पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई. बीते 22 जून को US कोस्ट गार्ड और ओशनगेट ने बयान जारी कर पांचों की मौत की पुष्टि की. अब विस्फोट के बाद नष्ट हो चुकी ‘टाइटन’ पनडुब्बी के मलबे का कुछ हिस्सा लगभग एक हफ्ते बाद बाहर निकाला गया है. सबमरीन के मलबे में इंसानी अवशेष मिलने का अनुमान भी जताया गया है.
समुद्र से निकले टाइटन पनडुब्बी के मलबे में मिले इंसानी अवशेष? रिसर्च के बाद खुलेंगे राज
विस्फोट के बाद नष्ट हो चुकी ‘टाइटन’ पनडुब्बी के मलबे का कुछ हिस्सा लगभग एक हफ्ते बाद बाहर निकाला गया है. सबमरीन के मलबे में इंसानी अवशेष मिलने का अनुमान भी जताया गया है.

अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी कोस्ट गार्ड के अधिकारी मलबे को कनाडा के सेंट जॉन बंदरगाह पर लेकर आए. बताया जा रहा है कि जो अवशेष मिले हैं, उन्हें मेडिकल टीम के पास जांच के लिए भेजा जाएगा. मलबा इस बात की जांच में अहम साबित होगा कि आखिर पनडुब्बी में विस्फोट कैसे हुआ.
कोस्ट गार्ड ने जारी किया बयानअमेरिकी कोस्ट गार्ड के मुख्य जांचकर्ता कैप्टन जेसन न्यूबॉयर ने कहा कि समुद्र तल से कुछ मलबा और सबूत बरामद हुए हैं. उन्होंने कहा कि मलबे में कुछ इंसानी अवशेष भी हो सकते हैं. इस दुर्घटनास्थल का पूरा नक्शा तैयार कर लिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि अंतिम रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन को जारी की जाएगी. हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य दुनियाभर में समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाना और जरूरी सिफारिशों के जरिए इस तरह की घटनाओं को रोकना है.
दरअसल, टाइटैनिक टूरिज्म के लिए गई ये सबमरीन 18 जून 2023 को अटलांटिक महासागर में डुबकी लगाने के पौने दो घंटे बाद गायब हो गई थी. इसमें ब्रिटिश उद्योगपति हामिश हार्डिंग, पाकिस्तानी मूल के उद्योगपति शहज़ादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान, टाइटन को ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशनगेट के फ़ाउंडर और CEO स्टॉकटन रश और फ़्रांसीसी खोजी पॉल आनरी नार्जियोले सवार थे.
टाइटैनिक टूरिज्म क्या है?इसका संबंध टाइटैनिक जहाज से है. टाइटैनिक अपने समय का सबसे विशाल और आलीशान जहाज था. लॉन्च से पहले ही इसको ‘समंदर की महारानी’ कहा जाने लगा था. 10 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक साउथेम्पटन के बंदरगाह से रवाना हुआ. इसमें 22 सौ से अधिक लोग सवार हुए. उनकी मंज़िल लगभग साढ़े पांच हज़ार किलोमीटर की दूरी पर बसा अमेरिका का न्यूयॉर्क शहर था. लेकिन सफ़र की शुरुआत में ही टाइटैनिक बर्फ की चट्टान से टकरा कर ओझल हो गया. हादसे में डेढ़ हज़ार से अधिक लोग मारे गए.
सितंबर 1985 में US नेवी के अफसर रॉबर्ट बलार्ड ने मलबे की तलाश की. तब से सैकड़ों लोग इस मलबे को देखने के लिए जा चुके हैं. नेशनल जियोग्राफ़िक की रिपोर्ट के मुताबिक, 1998 में डीप ओशन एक्सपीडिशंस ने पहली बार टूरिज्म के लिए लोगों को इस मलबे तक भेजा था. ओशनगेट ने अपने ऑपरेशंस की शुरुआत 2021 में की थी. टाइटन उनकी तीन पनडुब्बियों में से एक थी. इसके लिए कोई क्लीयरेंस सर्टिफ़िकेट नहीं लिया गया था. और, उन्होंने कई वाजिब चिंताओं को भी नज़रअंदाज किया था. और अब इस वजह से ओशनगेट पर शिकंजा कसने की मांग चल रही है.
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