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IAS अधिकारियों पर आरोप, काम के नाम पर पेरिस में हद फिजूलखर्ची की, खुद अप्रूव भी कर दी

2015 का ये मामला उस समय चंडीगढ़ प्रशासन में तैनात रहे तीन IAS अधिकारियों से जुड़ा है. एक RTI के जरिये उनके कथित रूप से फिजूलखर्ची करने का खुलासा हुआ है.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर: Unsplash.com)

चंडीगढ़ में सरकारी कुर्सी और अधिकारों के कथित दुरुपयोग का मामला सामने आया है. एक RTI के हवाले से बताया गया है कि साल 2015 में पेरिस गए चंडीगढ़ के तीन ब्यूरोक्रैट्स ने यात्रा के लिए पहले से मंजूरी प्राप्त रकम से 40 पर्सेंट ज्यादा खर्च किया था. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से दो अधिकारियों ने खुद ही आदेश जारी कर यात्रा के दौरान हुए अतिरिक्त खर्च को अप्रूवल दे दिया था.

कैसे पता चला?

रिपोर्ट के मुताबिक RTI एक्ट के जरिए जानकारी मांगी गई थी कि चंडीगढ़ के प्रशासकों ने पिछले 10 सालों कहां, कितनी विदेश यात्राएं की हैं. आवेदन का जवाब आने के बाद पता चला कि पेरिस गए अधिकारियों ने अपनी यात्रा के लिए मिली सुविधाओं को अपग्रेड कर लिया था. इसके तहत ये अधिकारी फाइव स्टार होटल छोड़कर रहने के लिए एक लग्जरी प्रॉपर्टी में चले गए थे.

अखबार ने बताया है कि RTI में ये भी पता चला है कि अधिकारियों ने पेरिस में 3 दिन की मीटिंग के लिए वहां 7 दिन बिताए. रिपोर्ट के मुताबिक इस सबके चलते यात्रा में प्रशासन से स्वीकृत की गई राशि से 40 फीसदी अधिक खर्च आया. इसके एक महीने बाद दो अधिकारियों ने इस एक्स्ट्रा खर्च को मंजूरी देने के आदेश भी जारी किए थे. 

रिपोर्ट के मुताबिक 15-17 जून, 2015 को चंडीगढ़ डिजाइन करने वाले आर्किटेक्ट ली कोर्बुज़िए (Le Corbusier) के काम पर पेरिस में एक बैठक हुई थी. इसमें हिस्सा लेने के लिए चंडीगढ़ प्रशासक के तत्कालीन सलाहकार विजय देव को 6.5 लाख रुपये, गृह सचिव अनुराग अग्रवाल को 5.6 लाख रुपये और पर्सनल सेक्रेटरी विक्रम देव दत्त को 5.7 लाख रुपये मंजूर किए गए थे.

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मंजूर राशि से अधिक खर्च

RTI से प्राप्त रिकॉर्ड से पता चला है कि तीनों आईएएस अधिकारी पेरिस पहुंचने के बाद होटल से शिफ्ट होकर एक महंगी लग्जरी प्रॉपर्टी में चले गए. 12 से 18 जून, 2015 तक पेरिस में रहने के दौरान इन्होंने 25 लाख रुपये से भी अधिक खर्च कर डाले जो मंजूर किए गए खर्च से लगभग 40 फीसदी अधिक था.

रिकॉर्ड के मुताबिक उस यात्रा के लगभग एक महीने बाद चंडीगढ़ की प्रशासन ईकाई ने आदेश जारी करते हुए विजय देव द्वारा मूल राशि से अधिक खर्च हुई राशि को मंजूरी दे दी थी. वहीं विजय देव ने भी आदेश जारी करते हुए विक्रम देवदत्त और अनुराग अग्रवाल की यात्रा के लिए खर्च हुई अतिरिक्त राशि को मंजूरी दे दी थी. आदेश में कहा गया था कि वास्तविक खर्च के कारण भुगतान के लिए संशोधित हुई राशि को स्वीकृति प्रदान की जाती है.

RTI रिकॉर्ड बताते हैं कि तीनों आईएएस अधिकारी फाइव स्टार से निकलकर जिस  लग्जरी होटल ‘ले रॉयल मोंसेउ’ में शिफ्ट हो गए थे, वहां कमरे का किराया ही लगभग दोगुना था. इसके चलते विजय देव के लिए जारी की गई खर्च की राशि 4.39 लाख रुपये से बढ़कर 9.10 लाख रुपये हो गई.

अधिकारियों की तरफ से क्या जवाब आया?

विजय देव मौजूदा समय में दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य चुनाव आयुक्त हैं. वहीं विक्रम देव दत्त एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और अनुराग अग्रवाल हरियाणा में मुख्य चुनाव अधिकारी हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक विजय देव की ओर से संबंधित मामले पर टिप्पणी के लिए कॉल, मैसेज या ईमेल पर कोई जवाब नहीं मिला. वहीं विक्रम देव दत्त ने कहा कि सभी अप्रूवल संबंधित विभाग की ओर से लिए होंगे और एकॉमडेशन वगैरह के लिए कुछ भी उनकी ओर से नहीं भेजा गया था. अनुराग अग्रवाल ने इस मामले पर ठीक से याद न होने की बात कहते हुए कहा कि यह बहुत संभव है कि लोकेशनल इश्यू के कारण होटल बदला गया हो.

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