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असम की इस नर्स ने शादी के दिन तक ड्यूटी की, अब वाहवाही हो रही है

ड्यूटी के बाद शादी के रस्मों में शामिल होती थीं.

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तस्वीर साभार- हेंमत नाथ.
असम का नलबाड़ी जिला. यहां कोरोना संक्रमितों की देखभाल करने वाली एक नर्स ने कमाल कर दिया है. यहां के सरकारी अस्पताल में काम करने वाली ओली बर्मन ने अपनी शादी के दिन तक मरीजों की देखभाल की. यही नहीं, उन्होंने ठीक अगले दिन से ड्यूटी भी जारी रखी है. अब उनके इस समर्पण को सोशल मीडिया पर काफी सराहा जा रहा है. क्या है पूरा मामला ओली बर्मन. 23 साल की यह नर्स नलबाड़ी के सिविल हॉस्पिटल में 2018 से कार्यरत हैं. 18 मई को इनके गांव सिंगमारी में इनकी शादी थी. ओली बर्मन और उनके परिवार के सदस्यों ने कुछ महीने पहले ही इनकी शादी प्लान की थी. लेकिन फिर कोरोना और लॉकडाउन ने मामला खराब कर दिया. लेकिन फिर परिवार के लोगों ने तय किया कि सरकार के आदेशों का पालन करके लॉकडाउन के दौरान ही शादी का समारोह आयोजित करेंगे. ये नर्स अपनी शादी की तैयारियों के साथ-साथ ड्यूटी भी कर रही थीं. वैसी स्थिति में ओली बर्मन ने कहा कि वो एक कोरोना वॉरियर हैं, लेकिन उनकी शादी भी होनी है. शादी से पहले उन्होंने कहा-
इस संकट की घड़ी में मैं खुद को COVID-19 से लड़ने के लिए समर्पित कर रही हूं. ठीक उसी समय मैं किसी से शादी भी करना चाहती हूं. मैंने आज तक अपना कर्तव्य निभाया है. मैं अपनी शादी की रस्में पूरी होने के बाद, रात से ही अपनी ड्यूटी जॉइन कर लेना चाहती हूं.
ड्यूटी से आकर पूरी करती थीं शादी की रस्में  शादी की रस्मों के लिए ओली ने कोई छुट्टी नहीं ली. अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद ओली शनिवार, 16 मई को घर आयीं और फिर उनकी मेहदी की रस्म पूरी हुई. फिर ओली रविवार को सुबह हॉस्पिटल गईं. अपनी शिफ्ट पूरी की और लौटकर शादी की अन्य रस्मों में शामिल हुईं. शादी के बाद ड्यूटी जॉइन करने के बारे में ओली ने कहा-
मेरे सीनियर अधिकारी चाहते थे कि मैं सोमवार रात से ही ड्यूटी में शामिल हो जाऊं. शादी की रस्में पूरी होने के बाद मैंने ऐसा ही किया. ऐसी स्थिति में लोगों के लिए सेवा सबसे पहले आती है.
ओली ने बताया कि इस शादी में परिवार के सदस्यों के अलावा बेहद कम लोग ही शामिल हुए. हालांकि नलबाड़ी के कमिश्नर भारत भूषण देवचौधरी भी शादी समारोह में शामिल हुए. फिलहाल काम के प्रति ओली का ये समर्पण लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.

वीडियो देखें : पड़ताल: असम के मुख्यमंत्री की तरफ से कथित लॉकडाउन करने का दावा कितना सच्चा?
 

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