'मन अमादेहा अम. वई वई. कि इश्क फरियाद कुनद. कि नाज बोनयाद कुनद. मन अमादेहा अम.'
चेहरे पर झीनी सी मुस्कान लिए पश्तो सिंगर गुल पनारा. पाकिस्तानी कोक स्टूडियो के सीजन-8 में जब आतिफ असलम से साथ 'मन अमादेहा अम' गाना गाती हैं तो मन में पनारा की 'गुल' सी आवाज घुलने लगती है. 'मन अमादेहा अम' गाने की शुरुआती लाइन इश्क की राह पर चल रहे मुसाफिरों को सुकूं भरे घूंट पिलाती है. ऊपर पश्तो में लिखी लाइन का मतलब है-
'मैं आ गई हूं. इश्क की फरियाद पर. मैं आ गई हूं, ताकि हमारा मिलन हो सके.' पढ़ते हुए जरा सुनिए और गुनगुनाइए तो सही... 'मन अमादेहा अम' https://www.youtube.com/watch?v=U_DSCLqgZCo 26 साल की पाकिस्तानी पश्तो कुड़ी गुल पनारा. 20 से ज्यादा पश्तो फिल्म और तीन स्टू़डियो एलबम में आवाज. यूनिवर्सिटी ऑफ पेशावर से सोशल वर्क की पढ़ाई लेकिन पहचान बनी सिंगिंग से. ऐसा नहीं है कि सिर्फ पाकिस्तान या कोक स्टूडियो में 'मन अमादेहा अम' गाने के हिट होने के बाद गुल को इंडिया या दूसरे देशों में पहचान मिली. अफगानिस्तान, यूएई और कतर जाकर भी गुल परफॉर्म कर चुकी हैं. इस गाने को ओरिजनली गाया था सिंगर घूघूस ने. गुल सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं . ट्विटर हैंडल है @gullpanra और वेबसाइट gulpanra.net और इंस्टाग्राम पर Thegulpanra नाम से. इन ई-पतों पर गुल के गाने, तस्वीरों का दीदार किया जा सकता है. गुल को फेम मिला 16 अगस्त 2015 के बाद. जब कोक स्टूडियो सीजन 8 का गाना 'मन अमादेहा अम' हुआ रिलीज.

गुल के पिता तबला प्लेयर हैं. 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' को दिए इंटरव्यू में गुल ने कहती हैं:
'पख्तून लोग रुढ़िवादी होते हैं. मेरे पिता इतने सख्त मिजाज के नहीं हैं, पर मेरी मां को मेरे म्यूजिक करियर को लेकर दिक्कतें हैं. उम्मीद है पाक कोक स्टूडियो में आतिफ के साथ मेरी परफॉर्मेंस के बाद उनका दिल पिघला होगा.'
मरी नहीं, जिंदा हूं मैं: गुल
गुल पनारा के बारे में अफवाहें भी खूब उड़ी हैं. अगस्त 2014 में गुल पनारा की मौत की अफवाह भी सोशल मीडिया पर फैली. जिसके बाद गुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, कभी मेरी शादी तो कभी मेरी मौत की झूठी खबरें फैलाई जाती हैं.' बहरहाल गुल का करियर अभी शुरू हुआ है. शादी या अफेयर से फिलहाल दूर गुल अपने करियर पर कॉन्सन्ट्रेट करना चाहती हैं.