Swati Maliwal Assault case: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट के केस (Swati Maliwal) में अरविंद केजरीवाल के सहयोगी रहे बिभव कुमार को जमकर लताड़ लगाई है. 1 अगस्त को बिभव कुमार की जमानत याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रही थी. इस दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री आवास पर इस तरह के ‘गुंडे’ काम करते हैं.
स्वाति मालीवाल केस: आरोपी बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने 'गुंडा' बोल CM आवास को लपेट दिया
अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव रहे बिभव कुमार ने मारपीट केस में जमानत की मांग की थी. इससे पहले 12 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच कर रही थी. कोर्ट ने कहा,
“बिभव कुमार ने ऐसे व्यवहार किया जैसे कोई गुंडा सीएम के सरकारी आवास में घुस आया हो. हम हैरान हैं, क्या एक युवती से इसी तरह का व्यवहार किया जाता है? बिभव कुमार ने स्वाति के साथ मारपीट की, जबकि उन्होंने अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में बताया था.”
कोर्ट ने सख्त लहज़े में आगे कहा,
“मुख्यमंत्री आवास कोई प्राइवेट तो है नहीं. क्या इस तरह के गुंडे को मुख्यमंत्री के आवास पर काम करने की इजाजत होनी चाहिए.”
इस साल 18 मई को स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोप में बिभव कुमार को गिरफ्तार किया गया था. उन पर मारपीट, आपराधिक धमकी और किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के मामलों में केस दर्ज किया गया था. इसके अलावा IPC-201 के तहत, सबूत मिटाने का मामला भी दर्ज किया गया था.
अपनी शिकायत में मालीवाल ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर कुमार ने उनके साथ 13 मई को मारपीट की थी. स्वाति के मुताबिक उनके साथ मारपीट 13 मई को हुई. पुलिस ने 16 मई को FIR दर्ज की. अपनी शिकायत में स्वाति मालीवाल ने कहा कि 'उनके सीने, पेट और पेल्विस एरिया पर हमला किया गया.' उन्होंने बताया था कि 'वह सदमे में थीं और बार-बार मदद के लिए चिल्ला रही थीं.'
मालीवाल ने पुलिस को बताया था कि 'खुद को बचाने के लिए, उन्होंने बिभव कुमार को अपने पैरों से दूर धकेला. उस समय, बिभव उन पर झपट पड़े, बेरहमी से घसीटा और जानबूझकर शर्ट ऊपर खींची.'
सुनवाई के दौरान विभव कुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जमानत मांगते हुए कहा कि मालीवाल ने पुलिस से शिकायत करने में देरी क्यों की. उन्होंने सवाल उठाया कि मालीवाल की शिकायत में भी विरोधाभास है.
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इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मारपीट के तुरंत बाद पीड़िता ने 112 (पुलिस हेल्पलाइन) पर फोन किया था. इसे शिकायत करने में देरी नहीं माना जा सकता है.
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने 12 जुलाई को बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अब सुप्रीम कोर्ट 7 अगस्त को अगली सुनवाई करेगी.
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