महिलाएं मंदिर में जा सकेंगी या नहीं, ये सुप्रीम कोर्ट को तय करना है.
आज से 3 साल पहले एक नेवी अफसर की पत्नी ने अपने पति पर जबरन 'वाइफ स्वॉपिंग' करने और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. जिसका कोर्ट में केस चल रहा था. इस केस में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने फाइनली एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाने का फैसला लिया है.
पहले जानिए 'वाइफ स्वॉपिंग' का मतलब क्या है
'स्वॉपिंग' का मतलब होता है अदला-बदली. 'वाइफ स्वॉपिंग' का लिटरल अर्थ हुआ बीवियों की अदला-बदली. यानी अपनी पत्नी को किसे दूसरे मर्द के साथ सेक्स के लिए भेजना. और खुद किसी दूसरे पुरुष की पत्नी के साथ सेक्स संबंध बनाना. ऐसा एक आदत या केवल मज़े के लिए किया जाता है. जाहिर सी बात है, अगर इसमें पत्नी की मर्ज़ी न हो, ये सेक्शुअल हैरेसमेंट का केस बन जाता है.
और ये रहा मामला
1. इस औरत ने बताया कि मार्च 2012 में उसकी शादी इस नेवी अफसर से हुई. जिसके बाद वो अपने पति के साथ INS कोच्चि गईं. जहां उनके मुताबिक उनके पति के सीनियर ने उन्हें वाइफ स्वॉपिंग के लिए कॉन्टैक्ट किया.
2. उसने ये भी कहा था कि अपने पति के उसके एक सीनियर के पति के साथ आपत्तिजनक स्थितियों में पाया.
3. औरत ने दूसरे सीनियर अफसरों से शिकायत की. लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.
4. उस वक़्त के डिफेंस मिनिस्टर एके एंटनी ने वादा किया था कि मामले में एक्शन लेंगे. एंटनी ने 2013 में कहा था, "इन्क्वाइरी के बाद अगर आरोप सच निकले, तो कड़े से कड़े कदम उठाए जाएंगे.
5. लेकिन जवाब में नेवी ने डिफेंस मिनिस्ट्री से कहा कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है. और सारे आरोप नकार दिए.
6. 2013 में ही औरत ने अपना केस केरल से दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रान्सफर करने की गुहार लगाई थी. ये कहते हुए कि उसकी जान को खतरा हो सकता है. लेकिन जस्टिस भानुमती के नेतृत्व में इसे कोर्ट ने नकार दिया था.
7. अब कोर्ट ने सरकार को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम बनाकर तीन महीनों के अंदर रिपोर्ट जमा करने का ऑर्डर दिया है.