ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर हो गया है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे हट जाएगा? संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत अली बहरेनी ने इस सवाल का बेबाकी से जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि ईरान अपने शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के अधिकार से कभी पीछे नहीं हटेगा.
इधर ट्रंप दबाव बनाते रहे, उधर परमाणु कार्यक्रम पर ईरान के UN राजदूत ने इरादे बता दिए
UN में Iran के राजदूत Ali Bahreini ने America और Israel पर ईरान के ऊपर 'आपराधिक' हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हमला अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के चीफ राफेल ग्रॉसी की एक गलत रिपोर्ट के आधार पर किया गया.

अली बहरेनी ने मंगलवार, 24 जून को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण सम्मेलन (UNODA) के दौरान बड़ा बयान दिया. बहरेनी ने कहा कि ईरान ने अपने क्षेत्र और लोगों की रक्षा करने की ताकत दुनिया को दिखाई है. ईरानी प्रतिनिधि ने एक्स पर लिखा,
“संयुक्त राष्ट्र के निरस्त्रीकरण सम्मेलन में मैंने कहा कि ईरान ने अपनी जमीन और लोगों की रक्षा में अपनी ताकत और संकल्प दिखाया है. हम अपने आत्मरक्षा के अधिकार का पूरी मजबूती से इस्तेमाल करेंगे और कभी भी शांतिपूर्ण परमाणु तकनीक के अपने अधिकार को नहीं छोड़ेंगे.”
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, बहरेनी ने अमेरिका और इजरायल पर ईरान के ऊपर 'आपराधिक' हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हमला अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के चीफ राफेल ग्रॉसी की एक गलत रिपोर्ट के आधार पर किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला सिर्फ ईरान पर ही नहीं, बल्कि पूरे वैश्विक परमाणु अप्रसार व्यवस्था (Non-Proliferation Regime) पर था.
इस बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी हमले से पहले ईरान ने कथित तौर पर यूरेनियम और गुप्त सेंट्रीफ्यूज को न्यूक्लियर साइट्स से निकालकर सुरक्षित ठिकानों पर छिपा दिया था. रिपोर्ट में एक एक्सपर्ट ने चिंता जताई है कि अमेरिका के हमले से ईरान की परमाणु क्षमता खत्म नहीं हुई है.
एक्सपर्ट्स के हवाले से दावा किया गया है कि ईरान के पास छिपे ठिकाने हैं, जहां हजारों या फिर सैकड़ों एडवांस सेंट्रीफ्यूज को रखा गया है. इनमें परमाणु हथियार बनाने लायक यूरेनियम बनाने की क्षमता है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने भी ईरान के हालात को लेकर चिंता जाहिर की है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने तेहरान स्थित इविन जेल पर हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के प्रवक्ता थामीन अल-खेतन ने मंगलवार को जिनेवा में मीडिया से कहा,
"इविन जेल कोई सैन्य मकसद नहीं है, और इसे निशाना बनाना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन है."
हालांकि, उन्होंने इस हमले के पीछे इजरायल का नाम नहीं लिया. हालात के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र ने ईरान से कुछ अंतरराष्ट्रीय स्टाफ और उनके परिवार के लोगों को अस्थायी तौर पर बाहर निकालने का फैसला किया है.
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