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PM मोदी को नेतन्याहू जैसा बताया... न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में भारतीय मूल का शख्स कैसे बना दमदार कैंडिडेट?

भारतीय मूल के Zohran Mamdani को न्यूयॉर्क के मेयर चुनाव के प्राइमरी में जीत मिल गई है. हाल ही में, ममदानी ने PM Modi की तुलना इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से की थी. उन्होंने इजरायल को भी खरी-खरी सुनाई थी. इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

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प्राइमरी के लिए डिबेट के दौरान ममदानी. (फाइल फोटो: AP, 12 जून)

न्यूयॉर्क मेयर पद के प्राइमरी इलेक्शन में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जोहरान ममदानी (Zohran Mamdani) को जीत मिल गई है. अंतिम और आधिकारिक नतीजा आने में अभी वक्त लगेगा, लेकिन मतगणना में वो इतने आगे हैं कि उनकी जीत तय है. उनके प्रतिद्वंदी और न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने अपनी हार मान ली है.

मेयर पद के लिए मुख्य चुनाव होना अभी बाकी है. प्राइमरी इलेक्शन से ये तय होता है कि पार्टी किसको अपना उम्मीदवार बनाएगी. इस जीत से ये तय हो गया है कि जोहरान ममदानी ही इस चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के कैंडिडेट हैं. 33 साल के ममदानी, भारतीय-अमेरिकी फिल्म डायरेक्टर मीरा नायर के बेटे हैं. उन्होंने 'मॉनसून वेडिंग' और 'द नेमसेक' जैसी फिल्में बनाई हैं.

इस चुनाव के लिए सोशल मीडिया पर ममदानी को लेकर खूब चहल-पहल है. वो टिकटॉक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर खूब एक्टिव हैं और उन्होंने न्यूयॉर्क की जनता के बीच तेजी से जगह बनाई है. जानकार मुख्य चुनाव में भी उनकी जीत की संभावना जता रहे हैं. अगर ममदानी जीतते हैं तो वो शहर के पहले मुस्लिम और भारतीय-अमेरिकी मेयर होंगे.

कौन हैं जोहरान ममदानी?

जोहरान ममदानी, न्यूयॉर्क के क्वींस से विधानसभा के सदस्य हैं. उनका जन्म युगांडा के कंपाला में हुआ. सात साल की उम्र में वो न्यूयॉर्क चले गए. उनके पिता महमूद ममदानी एक प्रसिद्ध युगांडा लेखक हैं और वो भारतीय मूल के हैं. 

ममदानी की पढ़ाई-लिखाई न्यूयॉर्क में ही हुई. उन्होंने ब्रोंक्स हाई स्कूल ऑफ साइंस और बोडोइन कॉलेज से अफ्रीकाना स्टडीज की पढ़ाई की. 2018 में वो अमेरिकी नागरिक बन गए.

राजनीतिक पारी शुरू करने से पहले उन्होंने हाउसिंग काउंसलर का काम किया. वो घर खरीदने, उसे किराए पर लेने, आवास से जुड़े नियमों को लेकर जागरूकता बढ़ाने, घरों के लिए किफायती दर तय करने, जैसे कामों से जुड़े हुए थे. 

जोहरान ममदानी, न्यूयॉर्क स्टेट की विधानसभा के लिए चुने जाने वाले पहले दक्षिण एशियाई व्यक्ति और पहले युगांडावासी हैं. इस पद पर आसीन होने वाले वो तीसरे मुस्लिम हैं.

ऐसे शुरू हुई ममदानी की राजनीति

साल 2017 में ममदानी ने डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ अपनी राजनीति की शुरुआत की. 2020 में वो न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुने गए. 2022 और 2024 में उनको निर्विरोध जीत मिली.

उन्होंने कुछ ऐसे मुद्दों की वकालत की, जिससे वोटर्स के बीच उनकी खूब चर्चा होने लगी. उन्होंने किफायती घर की तो बात की ही, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट फ्री होने चाहिए. साथ ही उन्होंने न्यूनतम वेतन को 30 डॉलर (लगभग 2,578 रुपये) प्रतिदिन करने की मांग की. ममदानी की ओर से विधानसभा में 20 विधेयकों को समर्थन दिया गया है. इनमें से तीन कानून बन चुके हैं. 

इंडियन कार्ड, प्रधानमंत्री मोदी और इजरायल… 

ममदानी को कई कारणों से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है. हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वो इजरायल को एक यहूदी स्टेट के रूप में नहीं देखना चाहते. उन्होंने कहा, 

मैं ऐसे किसी भी राज्य का समर्थन करने में सहज नहीं हूं, जिसमें धर्म या किसी और चीज के आधार पर नागरिकता दी जाए. जिस तरह से हमारे देश में समानता है, दुनिया के हर देश में ऐसी ही समानता होनी चाहिए.

उनके इस बयान से कई इजरायल समर्थक समूह नाराज हो गए. उन पर यहूदी-विरोधी भावना को बढ़ावा देने के आरोप लगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए एक बयान के लिए भी उनकी आलोचना हुई. एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था कि अगर प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क आते हैं तो क्या वो उनके साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे, तो ममदानी ने साफ कहा कि वो ऐसा नहीं करेंगे. उन्होंने पीएम मोदी की तुलना इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कर दी.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में ममदानी ने अपने प्रचार के लिए हिंदी भाषा में एक वीडियो जारी किया था. 2 मिनट 23 सेकंड के वीडियो में, ममदानी ने भारतीय मतदाताओं को संदेश दिया. उनके समर्थकों ने तो उनकी प्रशंसा की लेकिन विरोधियों ने उन पर ‘इंडियन कार्ड’ खेलने का आरोप लगाया.

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आगे की राह क्या है?

प्राइमरी में उनका मुकाबला एंड्रयू कुओमो से था. यौन उत्पीड़न के एक मामले में नाम आने के बाद कुओमो अपनी राजनीतिक वापसी की कोशिश कर रहे थे. लेकिन मतदान शुरू होने के महज दो घंटे के बाद ही उन्होंने अपनी हार स्वीकार कर ली. उन्होंने ममदानी को फोन किया और उन्हें जीत की बधाई दी. 

न्यूज एजेंसी AP के अनुसार, मौजूदा मेयर एरिक एडम्स ने प्राइमरी में हिस्सा नहीं लिया. वो आम चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. कुओमो के पास भी पार्टी से अलग, आम चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर हिस्सा लेने का विकल्प है.

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