दो दिन पहले से हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी. ऐसा वहां की सरकारों का मानना था. लेकिन सरकारी महकमों से ज्यादा चाक चौबंद बाबा राम रहीम के चेले चपाटे निकले. उधर कोर्ट का फैसला आया और इधर वो औकात पर आ गए. खट्टर का सिर्फ एक रिएक्शन सुनाई दिया है. "स्टेट में लॉ एंड ऑर्डर कंट्रोल में हैं. हम नजर बनाए हुए हैं." वहीं पंचकुला और हिसार में अपने घरों में दुबकी भीड़ का सरकार के इस एक्शन पर रिएक्शन आया है- घंटा. पहले हम जल्दी से देख लेते हैं कि (हमारे हिसाब से) देश के खास-खास लोगों के इस फैसले पर क्या रिएक्शन आए हैं.
सबसे पहला रिएक्शन आसाराम बापू (#बापूनिर्दोषहै) का आया-
अरे चटाई बिछा भाई के लिए.
उसके बाद बाबा बिरादरी के ही दूसरे 'राम' स्वामी रामदेव का रिएक्शन आया-
अब इन लोगों को सलवार की कीमत पता चलेगी.
इसके बाद दरुच्चों के बाबा विजय माल्या जो लंदन में बैठे हुए हैं, उनका भी रिएक्शन आया है-
हम पहले ही कहे थे ज्यादा 'हीरो बनने की जरूरत नहीं है.
राम रहीम के चेलों पर सख्ती हुई तो आसाराम के मन में एक बार फिर कसक उठी-
'आसू' गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं, इसमें भी मेरे नाम को फंसाया गया.
इसी बीच किसी ट्विटर ट्रोल का भी रिएक्शन आया-
इस देश में सिर्फ सलमान जैसों को बेल मिल सकती है, हिंदू साधु संतों को नहीं.
आपको किकू शारदा भी याद होंगे. जिन्होंने कपिल शर्मा के शो में राम रहीम का रोल किया था. बाबा के चेले उनकी जान के पीछे पड़ गए थे. केस कर दिया था. अब किकू का रिएक्शन आया है.

और लास्ट में बाबा का भी रिएक्शन-

लेकिन आम जनता का रिएक्शन इस फैसले पर बहुत सही तरीके से आया है. लोगों का कहना है कि 23 अगस्त को तीन तलाक, 24 अगस्त को राइट टू प्राइवेसी और 25 को बाबा बलात्कारी पर आरोप तय करके कोर्ट ने ये साबित किया कि देश में 'अच्छे दिन' लाने की जिम्मेदारी उन्होंने ले ली है. इसी बीच किसी ने ये भी कहा कि पंजाब और हरियाणा में ट्रेनें रद्द करने की क्या जरूरत थी? किसी एक ट्रेन में राम रहीम को बिठा देते, लगे हाथ सज़ा भी मिल जाती.
माफ कीजिएगा, हम प्रधानमंत्री मोदी का भी बयान सर्च कर रहे थे लेकिन वो शायद मनमोहन मोड में चले गए हैं. या तो उनका नेट पैक खत्म हो गया है. या वो खुद हरियाणा चले गए हैं, इसलिए वहां नेट नहीं चल पा रहा. नहीं तो अब तक उनका भी ट्वीट आ जाता. उधर हाईकोर्ट का आदेश भी आ गया है कि 'चार्जर' के अलावा राम रहीम की सारी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई उनकी संपत्ति बेचकर की जाएगी. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि राम रहीम की टुच्ची फिल्मों की सीडी खरीदेगा कौन? वैसे हो सकता है कि मनोहर लाल खट्टर की सरकार ही खरीद ले क्योंकि उनकी नज़र बहुत तेज है, तभी तो वो लॉ एंड ऑर्डर पर नज़र रखे हुए हैं. जाते-जाते आप राम रहीम की ये रपट देखते जाओ, कि कैसे उनके अंधे उपद्रवी समर्थक मरने-मारने पर उतर आए हैं.
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