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'10वीं तक पढ़ा, लेकिन नाम के आगे डॉक्टर लगाता हूं' ,संजय शेरपुरिया की कहानियां दिमाग हिला देंगी

डायरी में अपने लोगों के नाम लिखने का अलग तरीका अपनाता था.

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संजय शेरपुरिया (बाएं) को UP STF ने गिरफ्तार किया है. (फोटो: सोशल मीडिया)

प्रधानमंत्री दफ्तर तक अपनी पहुंच बताकर लोगों को अपने जाल में फंसाने वाले संजय राय शेरपुरिया की एक डायरी पुलिस को मिली है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का कहना है कि इस डायरी में वो अपने सहयोगियों का ब्योरा रखता था जिनसे वो अपने गोरखधंधे में मदद लेता था. लेकिन इन लोगों के नाम वो कोड वर्ड में लिखता ताकि उसके अलावा कोई और उन्हें पहचान ना पाए.

पुलिस ने अदालत को बताया कि पूछताछ के दौरान शेरपुरिया का कहना है कि ये डायरी अहमदाबाद में उसके ससुराल में है. वे इस डायरी की तलाश के लिए राय को गुजरात ले जाएंगे. पुलिस ने कहा कि राय ने उन्हें यह भी बताया कि कोड का इस्तेमाल इसलिए किया गया ताकि "कोई मुझे पकड़ न सके." 

पुलिस ने यह खुलासा मंगलवार, 2 मई को लखनऊ की विशेष सीजेएम (कस्टम) अदालत में दायर याचिका में किया. जिसमें उसकी 10 दिनों की हिरासत की मांग की गई थी. अदालत ने राय को नौ मई तक छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

बिना पद लिए पांच कंपनियां और NGO चलाता है

इसके अलावा पुलिस ने ये भी कहा कि संजय राय ने फर्जी नामों से कई संपत्तियां खरीदी हैं और दस्तावेज भी अहमदाबाद स्थित घर में हैं. पूछताछ के दौरान संजय ने ऐसा खुद पुलिस को बताया. पुलिस ने यह भी दावा किया कि राय ने एनजीओ में कोई आधिकारिक पद नहीं होने के बावजूद यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन चलाने की बात स्वीकार की. उसके करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों को संस्था के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. पुलिस ने दावा किया कि उसका अकाउंट उसका भतीजा देखता है.

पुलिस ने यह भी दावा किया कि राय ने बताया है कि कोई पद ना लेने के बावजूद वो पांच कंपनियां और NGO चलाता था.

इस बीच राय के वकील दिग्विजय सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने अदालत को बताया कि पुलिस ने उनके मुवक्किल के बयान खुद से बनाए हैं. वकील का दावा है कि राय ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जैसा कि पुलिस डायरी, कंपनियों और दूसरे मामलों के बारे में बता रही है.

दिग्विजय ने कहा - 

मैंने अदालत से लिखित में अनुरोध किया कि मेरे मुवक्किल का बयान अदालत में दर्ज किया जाए क्योंकि वो पुलिस को बयान नहीं देना चाहते.

इसके अलावा संजय राय की पढ़ाई लिखाई के बारे में भी नई जानकारी सामने आई है. पुलिस के मुताबिक, राय से जब पढ़ाई के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि वो 10वीं तक पढ़ा है. लेकिन वह अपने सोशल मीडिया पर डॉ. संजय शेरपुरिया लिखता है. उसका दावा है कि उसे एक यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली है, जिससे जुड़े दस्तावेज दिल्ली में उसके घर पर रखे हुए हैं.

यूपी STF ने लखनऊ से संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया को 26 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. उस पर ठगी का आरोप है. आरोप है कि यह दिग्गज नेताओं से कनेक्शन बताकर जालसाजी को अंजाम देता था. इस शख्स ने BJP के कई दिग्गज नेताओं के साथ फोटोज भी खिंचवा रखी थीं. वो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का डिफॉल्टर पाया गया. शेरपुरिया और उसकी पत्नी कंचन प्रकाश राय पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनी के जरिए SBI को साढ़े तीन सौ करोड़ का चूना लगाया है.

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