‘12 अगस्त 2022 को पौने ग्यारह बजे, न्यूयॉर्क में एक धूप भरी शुक्रवार की सुबह. मुझ पर एक शख्स ने चाकू से हमला किया और लगभग मार डाला.’
उपन्यासकार सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) ने अपने संस्मरण ‘नाइफ’ में 2022 की उस घटना का जिक्र किया है. जब एक शख्स ने उन पर चाकू से हमला किया और उन्हें जान से मारने की कोशिश की. अब न्यूयॉर्क की एक अदालत ने उस हमले के आरोपी ‘हादी मतार’ (Hadi Matar) को दोषी करार दिया है. मतार ने न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा इंस्टीट्यूट (Chautauqua Institution) में एक कार्यक्रम के दौरान रुश्दी पर हमला किया था. जिसकी वजह से रुश्दी की एक आंख की रोशनी चली गई.
32 साल तक की हो सकती है सजाअमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 77 साल के रुश्दी ने अपनी गवाही में बताया कि हमले में उनके सिर, गर्दन, धड़ और बाईं हथेली पर गंभीर चोटें आई थीं. इतना ही नहीं, उनकी एक आंख की भी रोशनी चली गई थी और उनके लिवर और आंतों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा था. कोर्ट में उन्होंने अपनी दाहिनी आंख को दिखाने के लिए अपने काले लेंस वाले चश्मे को भी हटाया. उन्होंने कोर्ट में बताया कि हमले के वक्त पहले तो उन्हें लगा कि उन्हें मुक्का मारा जा रहा है, लेकिन फिर उन्हें एहसास हुआ कि उनके कपड़ों पर बहुत ज्यादा खून बह रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 27 साल के मतार को अदालत 23 अप्रैल को सजा सुनाएगी. बताया जा रहा है कि उसे 32 साल तक की सज़ा हो सकती है. मतार को रुश्दी के अलावा कार्यक्रम के संचालक राल्फ हेनरी रीस को भी घायल करने का दोषी पाया गया. हालांकि, अपने बचाव में हादी मतार ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. पूरे मुकदमे के दौरान, उसने कोर्ट में घुसते और बाहर निकलते वक्त सिर्फ ‘फ्री फिलिस्तीन’ कहा.
जब ईरान ने जारी किया था ‘फतवा’भारत के एक मुस्लिम कश्मीरी परिवार में जन्मे सलमान रुश्दी ने 1988 में एक उपन्यास लिखा था- "द सैटेनिक वर्सेज". जिसके बाद से उन्हें मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा. दरअसल, इस उपन्यास में उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के जीवन के कुछ हिस्सों को काल्पनिक रूप दिया था. इन हिस्सों पर मुस्लिम जगत में गहरी आपत्ति जताई गई. इन्हें इस्लाम धर्म के प्रति अपमानजनक बताया गया. उस वक्त ईरान के सबसे बड़े नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने रुश्दी की हत्या करने का फतवा जारी किया था. रुश्दी के सिर पर कई मिलियन डॉलर का ईनाम भी रखा गया था.
हालांकि, ईरान ने रुश्दी पर हुए हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार कर दिया.
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अपनी किताब में किया जिक्र2022 में हुए हमले के बाद लेखक सलमान रुश्दी ने अपना संस्मरण लिखा-"नाइफ: मेडिटेशन्स आफ्टर एन अटेम्प्टेड मर्डर". रुश्दी अपनी किताब में लिखते हैं कि हमले के बाद उन्हें लगा था कि वे अब नहीं बचेंगें. आगे रुश्दी लिखते हैं कि हमले के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने अपनी बाईं आंख खोली और पाया कि वे वेंटिलेटर पर हैं. अस्पताल में रहते हुए दुनिया भर से लोगों ने उन्हें अपना समर्थन और प्यार भेजा. जो बाइडन, इमैनुएल मैक्रों और बोरिस जॉनसन समेत कई बड़े नेताओं ने अपनी बात रखी. वे लिखते हैं,
“भारत, मेरे जन्म का देश और मेरी सबसे गहरी प्रेरणा के लिए उस दिन कोई शब्द नहीं थे.”
इसी किताब में रुश्दी ने आगे लिखा कि हमले के बाद उन्हें लंबे समय तक बुरे सपने आते रहे. हालांकि, लोगों के प्यार और समर्थन ने उन्हें भरोसा दिया. रुश्दी किताब में बताते हैं कि हमले के काफी दिन पहले उन्हें एक सपना आया था, जिसमें उनके ऊपर इसी तरह का हमला किया जा रहा था.
विचारों से सहमत नहीं था ‘मतार’हमले के दोषी हादी मतार पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के भी आरोप हैं. न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए एक साक्षात्कार में मतार ने कहा था कि वह न्यू जर्सी से इस कार्यक्रम में सिर्फ इसलिए आया था क्योंकि वह सलमान रुश्दी को पसंद नहीं करता था. उसने बताया था कि रुश्दी ने इस्लाम पर हमला किया है और वह उनके विचारों से सहमत नहीं था.
वीडियो: हमले के बाद सलमान रुश्दी की आंख की रोशनी गई, हाथ ने भी काम करना बंद किया