डॉ एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री. इनका इंटरव्यू लल्लनटॉप ने किया. इंटरव्यू में एस जयशंकर से कनाडा और भारत के रिश्तों को लेकर कई सवाल किए गए. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर और गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकियों के बाद भी उसपर कोई कार्रवाई न होने के मुद्दे पर भी काफी बातचीत हुई.
खालिस्तानी आतंकी पन्नू पर अमेरिका कार्रवाई क्यों नहीं करता? जयशंकर ने 'असल' वजह अब बताई
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में रहकर भारत के खिलाफ लगातार भड़काऊ बयान देता रहता है. एस जयशंकर से सवाल हुआ कि क्या भारत ने ये मसला अमेरिका के सामने उठाया और वो कोई एक्शन क्यों नहीं ले रहा? जयशंकर ने कनाडा मसले पर भी काफी कुछ बताया.
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इस इंटरव्यू में जयशंकर से सबसे पहला सवाल G20 लीडर्स समिट में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और पीएम मोदी की मुलाकात को लेकर हुआ. उनसे पूछा गया कि क्या G20 समिट के दौरान पीएम मोदी ने कनाडा में चल रहे खालिस्तानी आंदोलन का मुद्दा उठाया था? इसके जवाब में जयशंकर ने कहा कि कनाडा के सामने मुद्दा उठाया गया था और इस मामले में भारत का स्टैंड हमेशा से एक ही रहा है कि खालिस्तानी समर्थकों को पॉलिटिकल स्पेस नहीं दिया जाना चाहिए. क्योंकि ये ना तो भारत के हित में है, और ना कनाडा के हित में और ना ही दोनों के रिश्तों के हित में.
क्या निज्जर की हत्या का मामला भी उठा था?क्या जस्टिन ट्रूडो ने G20 समिट के दौरान पीएम मोदी से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कोई बात की थी? इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा,
हां, उन्होंने ज़िक्र किया था और पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कनाडा के पास भारत के बारे में कोई सूचना है तो हमें दें. हम उसकी जांच ज़रूर करवाएंगे. हालांकि उस समय तो कनाडा की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई. मैं वहीं पर मौजूद था.
G20 समिट के कुछ रोज बाद ही जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में हरदीप सिंह निज्जर का मामला उठाया था. ट्रूडो के आरोपों पर भी एस जयशंकर ने सरकार का पक्ष रखा. बोले-
18 सितंबर 2023 को जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में निज्जर के मर्डर का मामला उठाया. भारतीय एजेंट्स का हाथ होने के आरोप लगाए. इस पर हमारा रेस्पॉन्स क्या था? हमारा रेस्पॉन्स ये था कि आपने इल्ज़ाम तो लगाया है. अगर आपके पास कोई सबूत है या कोई सूचना है तो दीजिए हमें. हम उसकी जांच के लिए तैयार हैं. अभी तक हम अपने उस स्टैंड पर कायम हैं.
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते गतिरोध के बीच भारत ने कनाडा के 41 डिप्लोमैट्स को देश छोड़कर जाने के लिए कह दिया था. आखिर भारत सरकार को ऐसा क्यों करना पड़ा? भारतीय विदेश मंत्री ने इस सवाल का जवाब भी दिया. इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए वो बोले-
अब संबंध कैसे हैं?हर देश का ये हक़ होता है कि जितने हमारे डिप्लोमैट्स उनके देश में होते हैं, उसी अनुपात में उनके डिप्लोमैट्स को अपने यहां अलाउ करें. हमको ये भी लग रहा था कि कनाडा की नीति जो है, वे हमारी डोमेस्टिक पॉलिटिक्स में दखल दे रहे हैं. इसको रोकने की ज़रूरत थी. इसलिए ऐसा किया गया.
भारत और कनाडा के बीच मौजूदा संबंधों के सवाल पर जयशंकर ने कहा,
पन्नू पर अमेरिका एक्शन क्यों नहीं ले रहा?अभी दोनों सरकारों के बीच बातचीत चल रही है. मैं हाल ही में कनाडा की विदेश मंत्री से म्युनिख में मिला था. हमारा अभी भी यही कहना है कि अगर भारत के बारे में ऐसी कोई ख़बर हो, सूचना हो, सबूत हो तो हमें दे दीजिए.
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में रहकर भारत के खिलाफ लगातार भड़काऊ बयान देता रहता है. इंटरव्यू में इस मामले पर एस जयशंकर से सवाल हुआ कि क्या भारत ने ये मसला अमेरिका के सामने उठाया है और वो कोई एक्शन क्यों नहीं ले रहा है. इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्री का कहना था,
सिर्फ उसका नहीं, हमने खालिस्तानी गतिविधियों, हिंसा, आतंकवाद, चरमपंथ का मुद्दा भी उठाया है. उनकी (अमेरिका की) तरफ से हमें तर्क दिया जाता है कि ये फ़्रीडम ऑफ़ स्पीच है. मुझे नहीं लगता कि ये फ़्रीडम ऑफ़ स्पीच है. ये फ़्रीडम ऑफ़ स्पीच का दुरुपयोग है. मैं उनसे पूछता हूं कि अगर आपके ख़िलाफ़ ऐसी घटनाएं या ऐसे प्रदर्शन हों तो.. इसलिए, इसको फ़्रीडम ऑफ़ स्पीच कहना ठीक नहीं है.
एस जयशंकर ने अंत में ये भी जोड़ा कि अमेरिका को इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की जरूरत है.
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