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यूक्रेन-रूस युद्ध : भारत ने कहा, 'हम यूक्रेन में मदद पहुंचाएंगे'

भारत यूक्रेन में क्या-क्या भेज चुका है?

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदमें भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति (फोटो: इंडिया टुडे)
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) को एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. इस दौरान लाखों की संख्या में यूक्रेनी नागरिकों को अपने घरों को छोड़कर पोलैंड और हंगरी जैसे देशों में शरण लेनी पड़ी है. इस दौरान भारत लगतार यूक्रेनी शरणार्थियों को दवाइयां, टेंट, पानी की टंकी समेत कई जरूरी सामानों की मानवीय मदद पहुंचा रहा है. यही नहीं भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की हर मीटिंग में शरणार्थियों और युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों की मदद की बात उठाई है. 29 मार्च को हुई UNSC की बैठक में भारत ने संयुक्त राष्ट्र से यूक्रेन के युद्ध ग्रस्त इलाकों में फंसे नागरिकों तक भी मानवीय मदद पहुंचाने की बात उठाई है. बिगड़ते हालातों से भारत चिंतित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति (T S Tirumurti) ने मंगलवार को हुई UNSC की बैठक में युद्ध के कारण आम नागरिकों को हो रही तकलीफों पर चिंता जाहिर की. टी एस तिरुमूर्ति ने कहा,
"लगातार बिगड़ते हालातों से भारत चिंता में है. हम यूक्रेन के संघर्ष प्रभावित इलाकों में मानवीय मदद पहुंचाने की बात को दोहराते हैं. इस दिशा में संयुक्त राष्ट्र की OCHA और WFP जैसे संस्थाएं काम भी कर रही हैं. हमें उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन के लोगों की मानवीय जरूरतों के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया देना जारी रखेगा, जिसमें महासचिव की फ्लैश अपील और यूक्रेन पर क्षेत्रीय शरणार्थी प्रतिक्रिया योजना को चलाना शामिल हैं." 
लगतार मदद पहुंचा रहा भारत टी एस तिरुमूर्ति ने भारत की ओर से लगातार भेजी जा रही मदद की जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने यूक्रेनी नागरिकों के लिए अबतक 90 टन सामग्री की मानवीय सहायता भेज चुका है. आने वाले दिनों में और भी राहत सामग्री भेजी जाएगी, जिसमें खासकर जरूरी दवाइयां बड़ी मात्रा में शामिल होगी. तिरुमूर्ति ने आगे कहा,
"मानवीय मदद करते समय ये हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि ये मदद मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता जैसे मानवीय सिद्धांतों का पालन करते हुए की जाए. इसे समय में राजनीति करना ठीक नहीं है."
इस बैठक में युद्ध की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे प्रभाव पर सबका ध्यान खींचते हुए भारत ने कहा कि इस युद्ध से कई सप्लाई चेन ठप हुई हैं जिस वजह से कई विकासशील देशों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से ऊर्जा और जरूरत के सामानों की कीमत भी बढ़ रही है. इसके साथ ही तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत दोनों देशों से इस मसले को बातचीत के जरिए सुलझाने की अपील करता है, ताकि सेनाएं पीछे हटें, शांति और स्थिरता कायम हो. हमें उम्मीद है कि जल्दी ही कोई समझौता होगा.