गुरुवार, 27 जनवरी को देर रात जारी किए गए इस वीडियो संदेश में खान सर ने कहा,
"देखिए सारे स्टूडेंट्स के लिए आवश्यक सूचना है. आपकी सारी मांगों को रखा गया है. हम आपकी सारी दुविधाओं को दूर करते हैं...बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने रेल मंत्री से इस मसले पर बात की और रेल मंत्री सभी बातों पर सहमत हो गए हैं. NTPC में अब साढ़े तीन लाख और छात्रों को जोड़ा जाएगा. और ग्रुप-डी का जो दूसरा पेपर होना था, वो भी अब नहीं होगा. सुशील मोदी जी ने वीडियो जारी कर कहा है कि छात्रों की इन दोनों मांगों पर रेल मंत्री जी सहमत हो गए हैं..."खान सर ने छात्रों को समझाते हुए आगे कहा,
"देखिए इसमें अब सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय ने दखल दिया है, इसलिए समस्या का समाधान जरूर निकलेगा. अब RRB अपनी मनमानी नहीं कर पायेगा. इसलिए आप लोग शुक्रवार को किसी भी प्रोटेस्ट में हिस्सा न लें, ये आपके लिए गलत साबित हो सकता है...रेलवे को इंटेलिजेंस से रिपोर्ट मिली है कि गोरखपुर के कुछ लड़के शुक्रवार को प्रोटेस्ट करेंगे. गोरखपुर के छात्र हम लोगों से अलग नहीं हैं. ऐसे में सभी जिलों के छात्रों से अपील है कि कोई भी सड़क पर न उतरे और किसी प्रकार का प्रोटेस्ट न करे. अगर आप लोग प्रोटेस्ट करेंगे तो कुछ अराजक तत्व आकर बवाल करेंगे और आप लोग बदनाम होंगे. अगर आप हिंसा करेंगे या प्रदर्शन करेंगे तो हमारी बात कैसे होगी."आपको बता दें कि आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट (RRB NTPC Result) को लेकर चल रहे प्रदर्शनों में खान सर (Khan Sir) का भी नाम आया है. पटना पुलिस ने खान सर सहित कई अन्य कोचिंग संचालकों के खिलाफ FIR भी दर्ज की है. इन सभी पर छात्रों को आंदोलन के लिए उकसाने का आरोप है. हालांकि, खान सर ने इन आरोपों को खारिज किया है.
"आप लोगों को ये अहसास करा देना है कि हम लोग मरने वाले हैं, लड़ने वाले हैं, मारने वाले नही हैं, पूरी दुनिया कल आपको वॉच करेगी और आपकी भूमिका पूरी दुनिया देख रही है."पप्पू यादव ने खान सर पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि खान सर ने डरकर स्टेट छोड़ दिया है और अब वे पता नहीं किसके डर से आंदोलन न करने को लेकर वीडियो जारी कर रहे हैं. राजनीतिक दलों ने दिया बंद को समर्थन बिहार में छात्रों के बंद को राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन मिला है. आरजेडी, जन अधिकार पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, विकासशील इंसान पार्टी और लेफ्ट पार्टियों ने बंद को समर्थन देने का ऐलान किया है. इसके अलावा छात्रों के विरोध प्रदर्शन को छात्र संगठन AISA, AISF और NSUI ने भी अपना समर्थन दिया है.
महागठबंधन की ओर से गुरुवार 27 जनवरी को एक प्रेस कांफ्रेंस की गई, जिसमें बिहार बंद को समर्थन देने की घोषणा हुई. इस कांफ्रेंस में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह सहित कांग्रेस, भाकपा, माकपा और भाकपा माले के नेता भी मौजूद थे. इन नेताओं ने छात्रों की मांगों को जायज बताया और उन मांगों पर सरकार से तुरंत निर्णय लेने की अपील की. जगदानंद सिंह ने कहा कि हिंसा की ओर जाने पर छात्रों को मजबूर न किया जाए. उनके मुताबिक 2 करोड़ 42 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल है, इसलिए आंदोलन में महागठबंधन सक्रिय रूप से शामिल होगा. यूपी में मुस्तैदी बढ़ी बिहार में बंद के ऐलान के बाद यूपी में प्रशासन मुस्तैद हो गया है. यूपी के वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर जिलों में विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. आजतक के रोहित सिंह की एक रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों से लगातार संवाद स्थापित करें, ताकि उन्हें आंदोलन करने से रोका जा सके. ऐसे इनपुट हैं कि पूर्वांचल के इन जिलों में प्रदर्शन किया जा सकता है.
आंदोलन के दौरान रोकी गई ट्रेन (फोटो: आजतक)
क्या था मामला? आपको बतादें कि RRB की ओर से NTPC CBT-1 परीक्षा का रिजल्ट 14 व 15 जनवरी 2022 को जारी किया गया था. इस रिजल्ट के आधार पर CBT -2 यानी दूसरे चरण की परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. लेकिन कई छात्रों का आरोप है कि NTPC CBT-1 के रिजल्ट में धांधली हुई है. इसे लेकर बिहार के कई जिलों में छात्र RRB के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करने लगे. छात्रों ने बिहार के आरा में कथित तौर पर एक पैसेंजर ट्रेन में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया. वहीं, पटना में रेलवे के एक सर्विस इंजन को आग के हवाले कर दिया गया.
देखते ही देखते आंदोलन की आग बिहार से यूपी तक पहुंच गई. मंगलवार 25 जनवरी को प्रयागराज में भी कुछ छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया. छात्रों ने रेलवे ट्रैक जाम कर अपना विरोध जताया जिसके बाद पुलिस ने उनको खदेड़ने के लिए जमकर लाठीचार्ज किया. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ट्रैक से छात्रों को हटाने के बाद पुलिस ने हॉस्टल और लॉज में घुसकर उन छात्रों को ढूंढ़ा जिन्होंने प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. इस दौरान कई छात्रों को पीटा गया और उनके कमरों के दरवाजों को तोड़ा गया.