कन्हैया लाल. (फाइल फोटो)
“लोग मेरे दुकान की रेकी कर रहे हैं. मेरे फ़ोटो अपने चैट ग्रुप में वायरल कर रहे हैं. कह रहे हैं कि बंदा कहीं भी दिखे, तो इसे जान से मार देना. दुकान खोलने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है.”
ये कन्हैया लाल के शिकायती पत्र में लिखा हुआ है. वही पत्र, जो अपनी मौत से कुछ दिनों पहले कन्हैया लाल ने पुलिस को लिखा था. सुरक्षा देने की मांग करते हुए. 28 जून को कन्हैया लाल की उदयपुर में हत्या कर दी गई. उनका सर धड़ से अलग कर दिया गया. राजस्थान पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों- मोहम्मद रियाज अख्तारी और मोहम्मद गोस को गिरफ्तार कर लिया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
खबरें बताती हैं कि कन्हैया लाल ने अपनी जान को खतरा बताते हुए करीब तीन हफ्ते पहले पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने दोनों पक्ष के बीच समझौता कराकर मामले को रफा-दफा कर दिया था.
राजस्थान के एडीजी (कानून और व्यवस्था) हावा सिहं घुमरिया ने अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए बताया,
'15 जून को उन्होंने एक आवेदन दिया था कि उनकी जान को खतरा है और पुलिस सुरक्षा की मांग की थी. इसे लेकर संबंधित एसएचओ ने कथित तौर पर धमकी देने वाले व्यक्तियों को बुलाया था. इसके बाद दोनों समुदाय के 5-7 लोगों को बुलाया गया और समझौता कराया गया था. कन्हैया लाल ने हाथ से लिखकर दिया था कि अब किसी के भी खिलाफ कोई और कार्रवाई की जरूरत नहीं है. इसलिए पुलिस इसके आगे नहीं बढ़ पाई थी.'
रिपोर्ट के मुताबिक, नाजिम अहमद नामक उदयपुर के एक निवासी की शिकायत पर धनमंडी पुलिस ने कन्हैया लाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) और 153ए (समुदायों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और शांति भंग करना) के तहत मामला दर्ज किया था. ये एफआईआर कन्हैया लाल द्वारा कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर की गई थी.
हालांकि, कन्हैया लाल ने अपने शिकायत पत्र में लिखा है,
'मेरा बच्चा गेम खेल रहा था. उस वक्त गलती से वॉट्सऐप पर स्टेटस डल गया. मुझे इसकी जानकारी नहीं है और ना ही मुझे फोन चलाना आता है.'
उन्होंने आगे लिखा है,
'मुझे 11 तारीख को फोन थाने से फोन आया कि नाजिम नाम के शख्स ने मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद नाजिम और कुछ साथी मेरे दुकान की रेकी करने लगे और मुझे दुकान खोलने पर जान से मारने की धमकी दे रहे थे. इसलिए मुझे सुरक्षा मुहैया करवाई जाए.'
कन्हैया लाल ने यह भी लिखा था,
'चूंकि नाजिम और इसके साथ अन्य चार-पांच लोगों ने मेरा नाम और फोटो इनके समाजग्रुप में वायरल कर दिया है और सबको कह दिया है कि ये व्यक्ति अगर कहीं रास्ते पर दिखे और दुकान पर आए तो इसे जान से मार देना.'
बता दें कि 10 जून को कन्हैया को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए अरेस्ट किया गया था, लेकिन अगले दिन उन्हें जमानत पर छोड़ भी दिया गया था. जिसके बाद कन्हैया ने ये शिकायती पत्र प्रशासन को लिखा था.