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कांग्रेस की ज्योति मिर्धा BJP में शामिल, लोकसभा चुनाव से पहले BJP की बड़ी मुश्किल दूर हो गई!

BJP ज्योति मिर्धा को 2024 में राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट उम्मीदवार बना सकती है

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ज्योति मिर्धा मारवाड़ के चर्चित सियासी परिवार से आती हैं | फाइल फोटो: आजतक

राजस्थान के नागौर से पूर्व कांग्रेस सांसद डॉ ज्योति मिर्धा BJP में शामिल हो गई हैं. सोमवार (11 सितंबर) को दिल्ली में BJP के मुख्यालय पर ज्योति ने BJP जॉइन की. ज्योति मिर्धा राजस्थान के मारवाड़ इलाके से आती हैं. वो यहां के चर्चित सियासी परिवार से हैं. वो कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं. माना जा रहा है कि ज्योति के रूप BJP को नागौर सीट पर एक तगड़ा उम्मीदवार मिल गया है. पार्टी यहां से उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट भी दे सकती है (Rajasthan Nagaur jyoti mirdha join BJP). ज्योति के साथ ही सवाई सिंह चौधरी ने भी बीजेपी जॉइन की है. सवाई सिंह खींवसर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. वे रिटायर्ड IPS हैं.

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मिर्धा परिवार की सियासी धमक

राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने ज्योति मिर्धा को पार्टी में लेकर नागौर के सियासी समीकरण साधने का प्रयास किया है. मिर्धा परिवार का अब भी नागौर की सियासत पर गहरा प्रभाव माना जाता है. नाथूराम मिर्धा नागौर से छह बार सांसद रहे थे. नाथूराम मिर्धा के बेटे और ज्योति के चाचा भानु प्रकाश मिर्धा भी BJP के टिकट पर नागौर से सांसद रह चुके हैं. भानु प्रकाश मिर्धा ने नाथूराम मिर्धा के देहांत के बाद हुए उपचुनाव में दिग्गज नेता राम निवास मिर्धा को हराया था, लेकिन बाद में वे सियासत से दूर हो गए. 

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ज्योति मिर्धा का हरियाणा से भी संबंध है. उनकी हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परिवार से रिश्तेदारी है. ज्योति मिर्धा की बहन श्वेता मिर्धा भूपेंद्र हुड्डा के बेटे और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पत्नी हैं.

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BJP का सर्च पूरा हुआ

ज्योति मिर्धा ने 2009 में पहली बार नागौर सीट से चुनाव लड़ा और सांसद बनीं. लेकिन इसके बाद 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव हार गईं. ज्योति 2014 में मोदी लहर में BJP के सीआर चौधरी से चुनाव हारीं. कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में फिर से उन्हें मैदान में उतारा. लेकिन इस चुनाव में भी उन्हें एनडीए के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल से हार का सामना करना पड़ा. हनुमान बेनीवाल BJP के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़े थे. अब उनका BJP से गठबंधन टूट चुका है. गठबंधन टूटने के बाद से BJP को नागौर से एक मजबूत सियासी चेहरे की तलाश थी. माना जा रहा है कि ज्योति मिर्धा के आने से अब उसकी वो तलाश पूरी हो गई है.

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