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अमित शाह के नेहरू वाले बयान पर राहुल गांधी का जवाब, 'उनसे इतिहास जानने की उम्मीद नहीं'

राहुल गांधी ने कहा, “पंडित नेहरू ने भारत के लिए अपनी जान दे दी. वो वर्षों तक जेल में रहे. अमित शाह को शायद इतिहास नहीं मालूम है. मैं उनसे इतिहास जानने की उम्मीद नहीं कर सकता.”

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राहुल ने कहा है कि गृह मंत्री को ‘इतिहास को फिर से लिखने की आदत है’. (फोटो- ट्विटर)

अनुच्छेद 370 पर संसद में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष से लेकर पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू तक पर निशाना साधा था. अमित शाह ने कहा था कि नेहरू के समय में जो गलतियां हुई थीं, उनका खामियाजा वर्षों तक कश्मीर को उठाना पड़ा. उनके इस बयान पर अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है (Rahul Gandhi attacks Amit Shah). राहुल ने कहा है कि गृह मंत्री को ‘इतिहास को फिर से लिखने की आदत है’.

12 दिसंबर को संसद के बाहर प्रेस से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा,

“पंडित नेहरू ने भारत के लिए अपनी जान दे दी. वो वर्षों तक जेल में रहे. अमित शाह को शायद इतिहास नहीं मालूम है. मैं उनसे इतिहास जानने की उम्मीद नहीं कर सकता. उन्हें इतिहास दोबारा लिखने की आदत है.”

राहुल ने आरोप लगाया कि ये लोगों का वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक तरीका है. कांग्रेस सांसद ने कहा,

“असली मुद्दा सिर्फ जाति जनगणना का है. हम जाति जनगणना के मुद्दे को उठाएंगे और गरीबों को उनका हक दिलाएंगे.”

राहुल के इस बयान पर बीजेपी ने उन पर निशाना साधा है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा,

“ऐसा लगता है कि राहुल गांधी ने माउंटबेटन द्वारा लिखित इतिहास का अध्ययन किया है, क्योंकि अमित शाह केवल भारत के इतिहास के बारे में बोलते हैं.”

अमित शाह ने संसद में साधा था निशाना

संसद में 6 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा हुई थी. उस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि 2019 में धारा 370 खत्म करने के बाद से अब तक राज्य में काफी कुछ बदला है. ये बिल उन लोगों को न्याय दिलाने में मदद करेगा जिन पर 70 सालों से अन्याय हुआ और जो लोग अपमानित हुए या उनकी अनदेखी की गई. इस दौरान अमित शाह ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर भी निशाना साधा था.

(ये भी पढ़ें: 'नेहरू की बड़ी भूल', जम्मू-कश्मीर पर अमित शाह ने पूर्व PM पर गंभीर आरोप लगा दिए)

लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि नेहरू के समय में जो गलतियां हुई थीं, उनका खामियाजा वर्षों तक कश्मीर को उठाना पड़ा. शाह ने बताया,

“पहली और सबसे बड़ी गलती, जब हमारी सेना जीत रही थी, पंजाब का क्षेत्र आते ही सीजफायर कर दिया गया. जिसके बाद POK का जन्म हुआ. अगर सीजफायर तीन दिन बाद होता तो आज POK भारत का हिस्सा होता.”

अमित शाह ने ये भी कहा कि UN में भारत के आंतरिक मसले को ले जाने की गलती भी नेहरू ने की थी. उनके मुताबिक,

"नेहरू जी ने कहा था कि ‘ये मेरी गलती थी’. ये कोई गलती नहीं थी, इस देश की इतनी सारी ज़मीन खोना एक बड़ी भूल थी."

कुछ इसी तरह का बयान उन्होंने 12 दिसंबर को भी दिया. अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गृह मंत्री ने कहा,

"सभी जानते हैं कि कश्मीर के विलय में इसलिए देरी हुई थी, क्योंकि शेख अब्दुल्ला को विशेष स्थान देने का आग्रह था. इस कारण विलय में देरी हुई और पाकिस्तान को आक्रमण करने का मौका मिला. अगर असमय सीजफायर नहीं होता, तो आज पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) नहीं होता. हमारी सेना जीत रही थी, वो भाग रहे थे. नेहरू दो दिन रुक जाते तो पूरा पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर तिरंगे के तले आ जाता."

गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि अगर नेहरू दो दिन रुक जाते तो पूरा पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर तिरंगे के तले आ जाता.

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