जापान का नाम आते ही बुलेट ट्रेन, चेरी ब्लॉसम या हाल में ही ट्रेंड में आया ‘गिबली स्टूडियों’ याद आ सकता है. लेकिन इन दिनों जापान में घूमने जाने वाले टूरिस्ट के बीच यहां के ‘लव होटल्स’ भी खूब चर्चा में हैं. इन्हें जापानी भाषा में ‘राबु होतेरु’ कहा जाता है. ये होटल्स कपल्स के प्राइवेट स्पेस को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं. इनकी बनावट और थीम एक आम होटल से काफी अलग होती है. एक ऐसी जगह जहां कोई कपल्स को जज नहीं करता.
जापान में सेक्स थीम वाले 'लव होटल्स' का जबरदस्त क्रेज, साल में '50 करोड़' बार होते हैं यूज
‘लव होटल्स’ में लोग घंटों के हिसाब से कमरे बुक करते हैं जिन्हें जापानी भाषा में ‘रेस्ट’ कहा जाता है. भारत में भी कुछ होटल्स ऐसी ही सुविधा देते हैं, लेकिन जापान के होटल्स का ‘फैंटेसी थीम वाला इंटीरियर’ इन्हेंं अलग बनाता है.

दि गार्डियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक शिकागो यूनिवर्सिटी के लॉ स्कॉलर मार्क डी ने 2005 में आई अपनी एक किताब Law in Everyday Japan में बताया था कि कपल्स हर साल 50 करोड़ बार इन लव होटल्स का इस्तेमाल करते हैं. उनका कहना है कि जापान में एक साल में टोटल सेक्स एक्सपीरियंसेज का आधा संभवतः इन्हीं होटलों में होता है. यानी एक साल में जापान में लोग कुल जितनी बार सेक्स करते हैं, उनमें से 50 पर्सेंट सेक्स इन होटलों में होता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘लव होटल्स’ में लोग घंटों के हिसाब से कमरे बुक करते हैं जिन्हें जापानी भाषा में ‘रेस्ट’ कहा जाता है. भारत में भी कुछ होटल्स ऐसी ही सुविधा देते हैं, लेकिन जापान के होटल्स का ‘फैंटेसी थीम वाला इंटीरियर’ इन्हेंं अलग बनाता है. इनके कमरे चार दीवारी की जगह कभी किसी जेल की सेल, कभी अस्पताल, कभी स्पेस शिप या एक्वेरियम की तरह होते हैं. इसके अलावा इंटरेक्टिव बेड्स, नियॉन लाइट्स से सजे रूम, लग्जरी कपल बाथरूम भी शामिल होेते हैं. कुछ होटल्स बाहर से भी इसी तरीके के बनाये जाते हैं जो देखने में आकर्षक लगते हैैं.

लव होटल्स का इतिहास
जापान में लव होटल्स की शुरुआत 17वीं सदी से मानी जाती है. इस समय जापान में पब्लिक प्लेस में प्यार जताना उस तरीके से स्वीकार्य नहीं था. ऐसे में जापान के लोगों ने 'टी-हाउस' का तरीका निकाला जिसे जापानी भाषा में “देआई चाया” कहा जाता था. लोग यहां परिवार और समाज से दूर होकर एक-दूसरे से मिलते. ये घर बाहर से देखने पर सामान्य से दिखते लेकिन अंदर प्राइवेसी का ध्यान रखा जाता. जूते छिपाने की जगह होती थी ताकि कोई पहचान न सके. लेकिन फिर समय के साथ समाज भी बदला, और ये जगहें होटल्स 'सेक्शुअल एंटरटेनमेंट पार्क' बन गईं.
जापान की बढ़ती आबादी, छोटे घर और शादी के समय तक माता-पिता के साथ रहने के कल्चर ने इन प्राइवेट स्पेस को जन्म दिया. साथ ही इन जगहों ने महिलाओं को अपनी सेक्शुएलिटी को जाहिर करने का भी स्पेस दिया. साथ ही क्यूट और सेफ डिजाइन ने भी इन होटल्स को बढ़ावा दिया.
प्राइवेसी का खास ध्यान
इन होट्ल्स में ज्यादातर बुकिंग ऑनलाइन या वेंडिंग मशीन के जरिये होती हैं. रिसेप्शन में भी धुंधली कांच की दीवार बनाई जाती है ताकि कम से कम कॉन्टैक्ट हो सके. कई जगहों पर आने और जाने के लिए अलग लिफ्ट की सुविधा दी जाती है.

एक अनुमान के मुताबिक, जापान में 37 हजार से अधिक लव होटल्स हैं. कई बार ये होटल ग्रामीण इलाकों, हाइवे के किनारे स्थित होते हैं जो गिनती में नहीं आते.
हाल में ये लव होटल्स टूरिस्ट की बकेट लिस्ट में भी शामिल हो रहे हैं. कई सोलो ट्रैवलर्स और कम बजट में सफर करने वाले लोग यहां घंटों के हिसाब से रूम बुक कर अपना खर्च बचा रहे हैं. उनके जरिये ये होटल्स अब सोशल मीडिया पर भी लोकप्रिय हो रहे हैं.
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