कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल (Rahul Gandhi) गांधी ने एक बार फिर से आरोप लगाया है कि संसद (Parliament) में उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने यह आरोप ऐसे समय लगाया है, जब 16 मार्च को भी संसद में खूब हंगामा हुआ. जिसके बाद राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के रिश्तों पर सवाल उठाए. उन्होंने अपने पिछले भाषण को संसद से हटाने का भी जिक्र किया. राहुल गांधी ने कहा है कि ये भारत के लोकतंत्र की परीक्षा है.
"मुझे संसद में नहीं बोलने दे रहे क्योंकि अडानी..."- राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने कहा कि ये लोकतंत्र की परीक्षा है.

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
आज मैं संसद गया. मैंने स्पीकर से कहा कि मैं अपनी बात रखना चहता हूं. बीजेपी के चार मंत्रियों ने मुझपर संसद में आरोप लगाया है. मेरा हक है कि मुझे वहां बात रखने दी जाए. लेकिन मुझे नहीं लगता कि मुझे बोलने दिया जाएगा. आज एक मिनट में ही संसद स्थगित कर दी गई.
उन्होंने आगे कहा,
उम्मीद है कि कल वो मुझे बोलने दें. इससे पहले मैंने संसद में मोदी-अडानी पर जो भाषण दिया था, वो हटा दिया गया. उस भाषण में ऐसी कोई चीज नहीं थी जो मैंने पब्लिक रिकॉर्ड से ना निकाली हो. सरकार और पीएम अडानी जी के मुद्दे से डरे हुए हैं और उन्होंने ये पूरा तमाशा तैयार किया है. वो मुझे नहीं बोलने देंगे. लेकिन मुख्य सवाल अभी भी वही है कि मोदी जी और अडानी का क्या रिश्ता है?
उन्होंने आगे पूछा,
डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट्स गौतम अडानी को ही क्यों दिए जा रहे हैं? श्रीलंका और बांग्लादेश में जो बात हुई वो क्यों हुई, किसने की? ऑस्ट्रेलिया में पीएम नरेंद्र मोदी, अडानी और स्टेट बैंक के चेयरमैन की जो मीटिंग हुई वो क्यों हुई, उसमें क्या डिस्कस हुआ? मैं एक MP हूं तो मेरी जिम्मेदारी है कि मैं वहीं जवाब दूं. उससे पहले मैं ज्यादा डीटेल में बात नहीं कह सकता.
इससे पहले राहुल गांधी ने ब्रिटेन दौरे पर कुछ बयान दिए थे, जिनपर खूब बवाल हुआ. राहुल ने लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था,
यदि यूरोप से तीन या 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र खत्म हो जाता है, तो आप कैसे रिएक्ट करेंगे? असल में भारत में ऐसा हो चुका है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है. ये मामला कारोबार और पैसे का है. विपक्ष के तौर पर हम लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन ये अकेले भारत की जंग नहीं है. ये पूरे लोकतंत्र का एक संघर्ष है.
इससे पहले राहुल ने कैम्ब्रिज में कहा था,
भारत में लोकतंत्र खतरे में है. हम लोग एक निरंतर दबाव महसूस कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं पर केस किए जा रहे हैं.
अब जब वो संसद पहुंचे तो बीजेपी उनसे माफी मांगने के लिए कह रही है. वहीं कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि राहुल के बयान पर माफी का कोई सवाल ही नहीं है.
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