रैगिंग का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आया है. इस बार पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में. यहां एक छात्र ने वीडियो बनाकर विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर पर ही रैगिंग का इल्जाम लगा दिया. वीडियो वायरल हुआ और छात्र भड़क उठे. धरना प्रदर्शन पर उतर आए. उन्हें समझा बूझाकर शांत करने के लिए प्रोफेसर साहब पहुंचे तो किसी ने उन्हीं के चेहरे पर स्याही फेंक दी. फेंकी गई थी स्याही, लेकिन उसने असर शांति प्रयासों पर रायता फैलाने का किया. खबर लिखे जाने तक दोनों पक्ष बोले तो आंदोलनकारी छात्र और विश्वविद्यालय प्रशासन एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर चुके थे.
छात्र की रैगिंग, प्रॉक्टर-वॉर्डन पर इल्जाम, प्रोफेसर पर स्याही, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हवा टाइट है
29 जनवरी को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक छात्र का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें छात्र, हॉस्टल वॉर्डन और प्रॉक्टर पर अपनी पैंट उतरवा कर रैगिंग लेने का आरोप लगा रहा था. उसी के बाद उग्र छात्र विरोध प्रदर्शन पर उतर आए थे. उन्हें शांत कराने के लिए यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पहुंचे तो नाराज छात्रों ने उनके चेहरे पर स्याही फेंक दी.

इस सारे बवाल का अंकुर फूटा था तीन दिन पहले, इलाहाबाद यूनीवर्सिटी के सर सुंदरलाल छात्रावास में. यहां के एक छात्र का वीडियो यूनिवर्सिटी कैंपस में बड़ी तेजी से वायरल हुआ. वीडियो में छात्र ने आरोप लगाया कि चीफ प्रॉक्टर ऑफिस के अंदर उसके साथ रैगिंग की गई. छात्र का कहना था कि उसे पैंट उतारने पर मजबूर किया गया, उसे गलत तरीके से छुआ गया और मारपीट की गई. छात्र ने हॉस्टल वॉर्डन, यूनिवर्सिटी के एक प्रॉक्टर और प्रॉक्टर ऑफिस के कर्मचारियों पर इस कथित रैगिंग में शामिल होने का इल्जाम लगाया. प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में इसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई. लेकिन कोई एक्शन ना होने से छात्र भड़क उठे और सड़कों पर उतर आये.
आजतक से जुड़े आनंदराज की रिपोर्ट के मुताबिक नाराज छात्रों ने गुरुवार 1 फरवरी को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की सड़क को जाम कर दिया. गुस्साए छात्र यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी गेट को बंद कर वहीं धरने पर बैठ गए. ये लोग किसी को भी ना तो अंदर आने दे रहे थे और ना बाहर जाने दे रहे थे. छात्रों का कहना था कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होने तक चक्का जाम जारी रहेगा. पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रों को समझाने बुझाने की नाकाम कोशिश की. फिर वहां छात्रों से बात करने पहुंचे रजिस्ट्रार प्रोफेसर एन के शुक्ला. जब वो ज्ञापन ले रहे थे तभी किसी ने प्रोफेसर साहब पर स्याही फेंक दी. बस फिर क्या था यूनिवर्सिटी प्रशासन भी फैल गया. बातचीत बंद करके छात्रों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करा दी.
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मीडिया को एक पत्र जारी करके घटना पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिखा है-
"पिछले कई दिनों से परिसर में उपद्रव कर रहे एवं गेट से आवागमन रोककर विश्वविद्यालय के कार्यों, परीक्षाओं एवं पठन-पाठन को बाधित कर रहे कुछ उपद्रवी तत्वों ने कुलसचिव प्रोफेसर एन के शुक्ला के ऊपर विषैला द्रव्य फेंका जिससे उनके चेहरे और आखों में असर हुआ है. घटना तब हुई जब प्रो शुक्ला विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार संख्या 01 ( लाइब्रेरी गेट) के पास गये, तो अजय सिंह यादव, सत्यम कुशवाहा एवं शिवम सिंह के नेतृत्व में धरना दे रहे लोगों का ज्ञापन लेते वक्त एक व्यक्ति, जिसे प्रत्यक्षदर्शियों ने आयुष प्रियदर्शी के रूप में पहचाना, ने प्रो शुक्ला के - ऊपर विषैला स्याही के रंग का द्रव पदार्थ फेंका. पुलिस तथा सुरक्षा गार्डों की मदद से उन्हें भीड़ से बाहर निकाला गया। उत्पातियों ने परिसर में हंगामा किया और चक्का जाम करने की कोशिश की."
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इससे पहले कथित रैगिंग के मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन काकहना है कि छात्रों के द्वारा लगाए गए आरोप बुनियाद है. आरोप लगाने वाले छात्र के आने जाने से लेकर सारा सीसीटीवी यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास मौजूद है. वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल के आरोपी वार्डन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके हॉस्टल के सारे अधिकार छीन लिए हैं. लेकिन विश्वविद्यालय के छात्रों में आक्रोश है और पूरे प्रॉक्टोरियल बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.
वीडियो: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में पुलिस ने एक-एक कमरा खाली कराया, अब क्या बवाल हुआ?