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कहां से आया है ये कालजयी डायलॉग, 'प्रेम नाम है मेरा... प्रेम चोपड़ा'?

खुद प्रेम चोपड़ा ने इसकी कहानी सुनाई है. उनके जन्मदिन पर पढ़िए उनसे जुड़े रोचक किस्से.

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प्रेम. प्रेम चोपड़ा.
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसी बला हुई है, जो शीशे से पत्थर को तोड़ती थी. ये व्यक्ति आस्तीन का सांप नहीं है, बल्कि बिच्छु है. जिन्हें इस बात की बड़ी चिंता रहती थी कि नंगा नहाएगा क्या, और निचोड़ेगा क्या! जी हां. प्रेम नाम है इनका, प्रेम चोपड़ा. सेवंटीज़ से लेकर नाइंटीज़ तक तिज़ोरी से लेकर महिलाओं की अस्मत लूटने के तमाम धतकर्मों में इनका योगदान था. आज इन्हीं प्रेम चोपड़ा की लाइफ़ के कुछ रोचक किस्से जानेंगे. #जब बेटी डरकर घूरने लगी एक बार प्रेम अपनी नन्ही बेटी की ज़िद पर उसे अपनी एक फ़िल्म के प्रीव्यू पर ले गए. फ़िल्म शुरू हुई. प्रेम की बेटी पूरी फिल्म चुपचाप ध्यान से देखती रही. एक-एक सीन. जब मूवी खत्म हुई तब प्रेम की बेटी बिना उनसे कुछ बोले बस उन्हें घूरे जाए. वो बुरी तरह डर गई थी. उस नन्ही बच्ची को समझ ना आए कि उसके पिता जो घर में जोकर बने रहते हैं, उन्हें अचानक क्या हो गया है.  प्रेम बच्ची की मनोस्थिति समझ गए. वो उसके पास बैठे और बोले कि उसका जोकर हमेशा जोकर ही रहेगा. जो फ़िल्म में उसने देखा, वो तो बस उनका काम है. और ये काम बहुत ज़रूरी है. क्योंकि इसी से वो उसे अच्छे स्कूल में पढ़ा पाते हैं. महंगी कार दिला पाते हैं. कुछ वक़्त बाद प्रेम की बेटी ये बात समझ गई.
प्रेम चोपड़ा.
प्रेम चोपड़ा.

# हीरो हीरो ना रहा, विलन विलन ना रहा अब इस न्यू एज जनरेशन में हिंदी सिनेमा बदल चुका है. फिल्मों में एकदम अमानवीय विलन का कल्चर लगभग ख़त्म हो रहा है. किरदार असल होते जा रहे हैं. सिनेमा के इस बदलते दौर के बारे में प्रेम चोपड़ा ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा,
"वक़्त के साथ सब कुछ बदल जाता है. हम वैसे रोल्स किया करते थे क्यूंकि फिल्मों में वैसे किरदारों की डिमांड रहती थी. हर रोल वैसा ही लिखा जाता था. आजकल ऐसे किरदार नहीं लिखे जाते. अब हीरो खुद ऐसे रोल करना चाहते हैं अपनी वर्सटैलटी साबित करने के लिए. अब हर किरदार की अपनी एक बैक स्टोरी होती है. तो अब जब हीरो डार्क साइड में जाता है, तो उसके पीछे कारण होता है. जो उसके लिए सिम्पैथी पैदा करता है. आजकल ऐसे बहुत से एक्टर हैं, जो बहुत ही आला दर्जे का काम कर रहे हैं. उनके किरदार इतने लेयर्ड होते हैं कि आपको किरदार का क्या आर्क है समझ नहीं आता. जब हमने काम शुरू किया था तब ना टीवी था, ना रेडियो था, ना ओटीटी था. हमारी जनरेशन में ऑडियंस सिनेमाघरों में जाती थी और जमकर ताली बजाती थी. अब लोग हर कहानी, हर किरदार की समीक्षा करते हैं. लोगों को अब इस बात में कोई आपत्ति नहीं होती कि हीरो निगेटिव रोल कर रहा है और विलन पॉज़िटिव रोल कर रहा है."
भारत के चंद मशहूर खलनायकों में से एक प्रेम चोपड़ा.
भारत के चंद मशहूर खलनायकों में से एक प्रेम चोपड़ा.

#कहां से आया 'प्रेम नाम है मेरा... प्रेम चोपड़ा'? 1973 में जब 'बॉबी' रिलीज़ हुई थी तब तक प्रेम स्टार बन चुके थे. कई इनामों से सम्मानित किए जा चुके थे. ऐसे में अपने बेटे ऋषि को लॉन्च कर रहे राज कपूर ने 'बॉबी' में प्रेम को छोटा सा रोल ऑफर किया. एकदम हीरो की टक्कर के रोल करने वाले प्रेम चोपड़ा ये छोटा सा रोल करने के मूड में नहीं थे. राज कपूर से बोले जब दूसरे डायरेक्टर उन्हें इतने बड़े-बड़े रोल ऑफर कर रहे हैं, तो वो उनकी फ़िल्म में छोटा सा रोल भला क्यों करें! चोपड़ा की इस बात पर शोमैन ने बस इतना कहा,
"मुझे नहीं पता. तुम ये रोल कर रहे हो."
अब राजकपूर को भला कौन मना कर सकता था! बेमन से ही सही लेकिन प्रेम रोल करने के लिए राज़ी हो गए. एक शाम प्रेम चोपड़ा और राज कपूर जाम टकराने बैठे. खाते-पीते प्रेम चोपड़ा ने राज कपूर साब से कहा कि वो उन्हें स्क्रिप्ट दे दें ताकि वो डायलॉग्स याद कर लें. आखिर राज कपूर की फ़िल्म थी साब. कोई भी एक्टर रिस्क नहीं लेना चाहेगा. लेकिन राज कपूर जाम में मशगूल उन्हें स्क्रिप्ट ना दें. जब भी प्रेम पूछते वो कह देते, "तुम बस इतना याद रखो, एक यंग कपल है जिन्हें तुम्हें पकड़ना है. और बोलना है, प्रेम नाम है मेरा... प्रेम चोपड़ा.."

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बहुत सी पुरानी फिल्मों में प्रेम चोपड़ा ने हीरो और उसके परिवार पर हंटर बरसाए हैं.

जब प्रेम चोपड़ा ने ये डायलॉग पहली बार सुना, वो कुछ समझ नहीं पाए. उन्हें लगा ये क्या ही डायलॉग है! इसी कशमकश में शूटिंग करने पहुंचे, तो वहां प्रेमनाथ मिल गए. प्रेमनाथ से चोपड़ा बोले कि वो अपने रोल से खुश नहीं हैं. प्रेमनाथ ने उनसे कहा कि वो बस राज कपूर पर यकीन रखें. प्रेमनाथ ने इस अंदाज़ से प्रेम चोपड़ा से ये बात कही थी जैसे उन्हें पूरा यकीन हो कि ये फ़िल्म एक बहुत बड़ी हिट होगी. प्रेमनाथ का फ़िल्म पर इतना भरोसा देख अब प्रेम चोपड़ा का मन थोड़ा स्थिर हुआ. उन्होंने पूरी शिद्दत से रोल किया. फ़िल्म रिलीज़ होते ही ये डायलॉग जनता के बीच वायरल हो गया. ऐसा हुआ कि आज इतने सालों बाद भी प्रेम चोपड़ा दुनिया में कहीं भी जाते हैं, तो लोग उन्हें इस डायलॉग से इंट्रोड्यूस करते हैं. राज कपूर का दिया ये डायलॉग प्रेम चोपड़ा के जीवन में पक्का बस गया. इतना कि उन्होंने अपनी किताब का नाम भी यही रखा, 'प्रेम नाम है मेरा... प्रेम चोपड़ा'.

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