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बच सकती है ओबामा को सलामी देने वाली पूजा ठाकुर की नौकरी

गार्ड ऑफ ऑनर को लीड करने वाली पहली इंडियन औरत के साथ एयरफ़ोर्स ने किया पक्षपात.

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ऊपर वाली तस्वीर याद है? पूजा ठाकुर. जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को सलामी दी. गार्ड ऑफ़ ऑनर को लीड करने वाली पहली भारतीय औरत, जिसने देश का सर ऊंचा किया. लेकिन इंडियन एयरफ़ोर्स ने विंग कमांडर पूजा ठाकुर को परमानेंट कमीशन में जगह देने से मना कर दिया था. जुलाई, 2016 में पूजा इस मैटर को लेकर कोर्ट पहुंची थीं. पूजा का कहना था कि 'एयर फ़ोर्स का ये फैसला पक्षपाती, मनमाना और बेतुका है.' इसी बीच पूजा को सरकारी घर भी खाली करने के लिए बोला गया था. लेकिन 7 फरवरी, 2017 का दिन पूजा के लिए राहत का दिन था. पूजा को आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल की बेंच से राहत मिली है. जस्टिस बाबू मैथ्यू की अगुवाई में बने बेंच ने पूजा की नौकरी टर्मिनेट करने के ऑर्डर पर रोक लगा दी है. साथ ही साथ ये भी कहा है कि जब तक उनका केस कोर्ट में है, उनको घर खाली कराने के लिए नहीं बोला जा सकता है

लेकिन ये परमानेंट कमीशन होता क्या है?

सेना में दो तरह के कमीशन होते हैं. शॉर्ट सर्विस (SSC) और परमानेंट (PC). शॉर्ट सर्विस कमीशन में आप सेना में 10 साल तक अपनी सेवाएं दे सकते हैं. जिसे बढ़ा कर मैक्सिमम 14 साल किया जा सकता है. जबकि परमानेंट कमीशन में आप पूरी लाइफ सेना में बने रह सकते हो.

ये पक्षपात नया नहीं

बल्कि बहुत पुराना है. पहले तो औरतें सेना में जाती ही नहीं थीं. फिर जाने लगीं. लेकिन केवल शॉर्ट सर्विस कमीशन का हिस्सा होती थीं. जायज सी बात है, ये एक सेक्सिस्ट फैसला था. सेना की औरतों ने कोर्ट में केस किया. तो ऐसा फैसला आया कि कुछ ब्रांच की ऑफिसर्स को ही परमानेंट कमीशन के लिए एलिजिबल माना जाएगा. एयर फ़ोर्स में केवल अकाउंट्स और एजुकेशन ब्रांच की औरतों को परमानेंट कमीशन के लिए एलिजिबल माना जाता है. और पूजा एड्मिनिस्ट्रेटिव ब्रांच से हैं. कमाल की बात है, कुछ दिनों पहले ही हम भावना, मोहना और अवनी के देश की पहली फाइटर पायलट्स बनने पर सीना चौड़ा करके घूम रहे थे. लेकिन उसी एयरफ़ोर्स का ये पहलू, जो औरतों को आजीवन अपनी सेवाएं देने का भी हक नहीं देता है, मायूस करने वाला है.
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