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कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत पत्थर से हुई या गोली से, पता चल गया है

दिल्ली के दंगों में 46 लोग गोली लगने से घायल हुए हैं.

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बाएं से दाएं: गोकुलपुरी मार्केट में हुई हिंसा की एक तस्वीर. हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल. (फोटो- PTI)

दिल्ली हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है. 180 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मरने वालों में पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल भी शामिल हैं. पहले ये जानकारी सामने आई थी कि पत्थरबाजी की घटना के दौरान उनके सिर पर एक पत्थर से चोट लगी थी और इसी से उनकी जान चली गई, लेकिन अब उनकी मौत की असल वजह सामने आ गई है. उनकी ऑटोप्सी रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत गोली लगने और हद से ज्यादा खून बहने की वजह से हुई है.

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और क्या कहती है ऑटोप्सी रिपोर्ट?

'इंडिया टुडे' ग्रुप से जुड़े पत्रकार मुनीष पांडे ने बताया कि रतन के शव का पोस्टमार्टम गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पताल में हुआ था. उनकी ऑटोप्सी रिपोर्ट में ये सामने आया कि उनके शरीर में एक गोली फंसी हुई थी. उनके बाएं कंधे में गोली लगी थी जो उनके दाएं कंधे की तरफ चली गई थी. गोली दाहिने कंधे से निकाली गई.

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बाएं से दाएं: दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और एक अन्य अधिकारी कॉन्स्टेबल रतन लाल के शव के साथ. बगल में रतन लाल की तस्वीर. (क्रेडिट- PTI)

कौन थे रतन लाल?

दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल थे. 42 साल के थे. 1998 में पुलिस में शामिल हुए. गोकुलपुरी में एसीपी ऑफिस में तैनात थे. उनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं. वह मूल रूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे. दिल्ली में बुराड़ी में रहते थे.

46 लोग गोली लगने से घायल हुए

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GTB अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर सुनील कुमार ने घायलों के आंकड़े बताए. उन्होंने बताया कि अब तक करीब 189 मरीज उनके पास आ चुके हैं. इनमें से 46 मरीज ऐसे हैं, जो गन शॉट की वजह से घायल हुए थे. पहले दिन यानी 24 फरवरी को गन शॉट से घायल मरीजों की संख्या 23 थी. 25 फरवरी को भी गोली लगने से घायल हुए 23 मरीज GTB अस्पताल पहुंचे.


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दिल्ली सरकार की तरफ से जारी हुआ आंकड़ा.

सोशल मीडिया पर एक मरीज की तस्वीर काफी वायरल हुई थी, जिसके सिर पर किसी मशीन का एक हिस्सा घुसा था.जीटीबी अस्पताल के डॉक्टर सुनील ने बताया कि वो मरीज भी अब खतरे से बाहर है.



वीडियो देखें: आधी रात को दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को क्या आदेश दिया?

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