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अमेरिका में PM मोदी से मिले ये 14 टेक दिग्गज सुंदर पिचाई से कम नहीं हैं!

प्रधानमंत्री मोदी ने CEOs के साथ मीटिंग में कहा कि उनकी सरकार भारत को सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग का 'ग्लोबल हब' बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

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न्यूयॉर्क में कंपनी के CEOs से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी. (फोटो- Narendra Modi)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दूसरे दिन टेक इंडस्ट्री के 'दिग्गजों' से मुलाकात की है. 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में वे अलग-अलग कंपनियों के CEOs से मिले. इस राउंडटेबल टॉक का आयोजन मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग ने किया था. इस मुलाकात का मकसद था, इन कंपनियों को भारत में निवेश के लिए बुलाना. पीएम ने इन CEOs से कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल (2024-29) में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की हरसंभव कोशिश करेगा, इसलिए कंपनियों को इसका फायदा उठाना चाहिए. और यहां उन्हें निवेश करना चाहिए.

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इस मीटिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर, बायोटेक्नोलॉजी और दूसरी इंडस्ट्री से जुड़े 15 CEOs ने हिस्सा लिया था. इसमें गूगल के CEO सुंदर पिचाई, एक्सेंचर की CEO जूली स्वीट, Adobe के CEO शांतनु नारायण, IBM के CEO अरविंद कृष्णा और NVIDIA के CEO जेन्सेन हुआंग समेत दूसरे शीर्ष अधिकारी थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मीटिंग में कहा कि उनकी सरकार भारत को सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग का 'ग्लोबल हब' बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मीटिंग के बाद एक प्रेस रिलीज जारी किया. इसमें कहा गया है कि CEOs ने भारत में निवेश और साझेदारी के लिए मजबूत इच्छा जताई है. सरकार की माने तो टेक लीडर्स ने भारत के ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब के रूप में बढ़ते प्रभुत्व की तारीफ की.

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कौन हैं ये 15 दिग्गज?

1. सुंदर पिचाई. गूगल की पेरेन्ट कंपनी अल्फाबेट इंक के CEO हैं. साथ में गूगल के भी CEO हैं. चेन्नई में पैदा हुए सुंदर पिचाई ने IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. उसके बाद अमेरिका चले गए. वहां स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर्स किया. फिर यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया से एमबीए भी. 2004 में उन्होंने गूगल में नौकरी पकड़ ली. 2015 में गूगल के सीईओ बने.

2. जूली स्वीट. चर्चित आईटी कंपनी एक्सेंचर (Accenture) की CEO हैं. जूली मूल रूप से कैलिफॉर्निया की रहने वाली हैं. उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की. साल 2019 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने उन्हें कॉरपोरेट अमेरिका की सबसे पावरफुल महिलाओं में एक बताया था. एक्सेंचर जॉइन करने से पहले उन्होंने लॉ फर्म में अटॉर्नी के तौर पर भी काम किया था.

3. शांतनु नारायण. अमेरिकी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी Adobe के CEO हैं. शांतनु मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले हैं. हैदराबाद की ओस्मानिया यूनिवर्सिटी से उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. फिर अमेरिका चले गए. वहां ओहायो की बोलिंग ग्रीन स्टेट यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स किया. फिर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के हास स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए. करियर की शुरुआत उन्होंने अमेरिका में ही एक स्टार्ट-अप से की थी. इसके बाद एप्पल में करीब 6 साल काम किया. साल 1998 में वे Adobe से जुड़े. 2007 में CEO बने थे.

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4. अरविंद कृष्णा. IT सेक्टर में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (IBM) के CEO हैं. अरविंद भारतीय मूल के ही हैं. उन्होंने स्कूल लेवल की सारी पढ़ाई देहरादून से की. इसके बाद IIT-कानपुर से बैचलर ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की. यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस से Ph.D. किया. 1990 में Ph.D. खत्म करने के तुरंत बाद IBM जॉइन कर लिया था. कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से देखें तो IBM दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी है. साल 2020 में अरविंद कंपनी के CEO बने थे.

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CEOs राउंडटेबल के दौरान पीएम मोदी. (फोटो- Narendra Modi/X)

5. नौबर आफयान. कोविड-19 महामारी के दौरान आपने मॉडर्ना का नाम सुना होगा. कोविड वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों में एक थी. आफयान इसी बायोटेक्नोलॉजी और फार्मा कंपनी के चेयरपर्सन हैं. कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. फिर अमेरिका आ गए. यहां मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से उन्होंने बायोकेमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की. साल 2009 में उन्होंने कई लोगों के साथ मिलकर मॉडर्ना की स्थापना की थी.

6. लीज़ा सु. अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेस (AMD) की मुखिया. लीजा मूल रूप से ताइवान की रहने वाली हैं. बचपन में ही पैरेन्ट्स के साथ वो अमेरिका चली गईं. उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ही बैचलर्स से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई की. AMD से पहले वो कई कंपनियों में काम किया. IBM में सेमीकंडक्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर की वो वाइस प्रेसिडेंट रहीं. जनवरी 2012 में लीजा AMD की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर बनीं. आज वो कंपनी की CEO हैं.

7. क्रिस विहबैकर. अमेरिकी बायोटेक्नोलॉजी कंपनी बायोजेन इंक के CEO. विहबैकर ने कनाडा की क्वींस यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. वे एक सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट भी हैं. बायोजेन से पहले उन्होंने कई कंपनियों में काम किया. साल 2014 में उन्हें एक फार्मा कंपनी सनोफी ने अचानक नौकरी से निकाल दिया था. तब वे कंपनी के CEO थे. साल 2022 में विहबैकर ने बतौर CEO बायोजेन जॉइन किया था.

8. क्रिस बोर्नर. अमेरिकी फार्मा कंपनी ब्रिस्टल-मायर्स स्क्विब (Bristol Myers Squibb) के CEO हैं. क्रिस ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र और इतिहास में स्नातक किया. इसके बाद, कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी के हास स्कूल ऑफ बिजनेस से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर और पीएचडी पूरी की. BMS से पहले उन्होंने कई फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी कंपनियों में काम किया. फरवरी 2015 में वे ब्रिस्टल-मायर्स से जुड़े. और अलग-अलग पदों पर रहे. पिछले साल नवंबर में ही उन्हें कंपनी का CEO बनाया गया था. इस साल मार्च में उन्होंने कहा था कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री में टैलेंट की भरमार है.

9. डेविड ए रिक्स. अमेरिकी फार्मा कंपनी 'एली लिली' के चेयरपर्सन और CEO हैं. ये 148 साल पुरानी कंपनी है. डेविड पिछले 28 साल से कंपनी के साथ जुड़े हैं. डेविड ने इंडियाना यूनिवर्सिटी से 1996 में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली. उसी साल वे लिली से जुड़ गए. मार्केटिंग, सेल्स, ड्रग डेवलपमेंट और इंटरनेशनल ऑपरेशन्स में लंबा अनुभव है. जनवरी 2017 में डेविड कंपनी के CEO बने थे. डेविड इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फॉर्मास्यूटिकल मैनुफैक्चर्स के सदस्य भी हैं.

10. टिम आर्चर. सेमीकंडक्टर बनाने के लिए उपकरणों का सप्लाई करने वाली अमेरिकी कंपनी लैम रिसर्च के CEO और चेयरपर्सन हैं. टिम ने हार्वर्ड ग्रैजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस और कैलिफॉर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की है. वे नैशनल कंसॉर्टियम फॉर ग्रैजुएट इंजीनियरिंग डिग्रीज़ फॉर माइनॉरिटीज़ के चेयरमैन हैं. ये एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो इंजीनियरिंग और साइंस में मास्टर्स और PhD के लिए ऐसे छात्रों को प्रोमोट करती है, जिनके समुदाय का ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं है. लैम रिसर्च का इंजीनियरिंग सेंटर बेंगलुरु में भी है.

11. थॉमस कौलफील्ड. अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी ग्लोबल फाउंड्रीज़ के CEO और चेयरपर्सन हैं. मई 2014 में थॉमस इस कंपनी से जुड़े थे. इससे पहले, वे कई और टेक कंपनियों में काम कर चुके थे. थॉमस 17 सालों तक IBM में भी सीनियर लीडरशिप रोल में रहे. सितंबर 2023 में अमेरिकी रक्षा विभाग ने ग्लोबल फाउंड्रीज़ को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में सेमीकंडक्टर सप्लाई के लिए 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट दिया था. मार्च 2018 में थॉमस को कंपनी का CEO बनाया गया था.

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12. मार्टिन श्रोएटर. आईटी कंपनी किंड्रिल के फाउंडर और CEO हैं. किंड्रिल, IBM का एक नया वेंचर है. साल 2021 में इसकी स्थापना हुई थी. इससे पहले भी मार्टिन IBM से ही जुड़े हुए थे. 1992 से वे कंपनी में अलग-अलग पदों पर रहे. मार्टिन ने कार्नेज मेलॉन यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की है. वे अमेरिकन थिंक टैंक 'काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशन्स' के सदस्य भी हैं.

13. हैंस वेस्टबर्ग. अमेरिकी टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी वेरिजॉन (Verizon) के चेयरपर्सन और CEO हैं. रेवेन्यू के हिसाब से देखें तो ये दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी है. वेस्टबर्ग मूल रूप से स्वीडन के रहने वाले हैं. वेरिजॉन से पहले उन्होंने करीब 25 सालों तक एरिक्शन के लिए काम किया. मैनेजमेंट रोल में अलग-अलग देशों में रहे. 2017 में वे चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) के तौर पर वेरिजॉन से जुड़े थे. जून 2018 में कंपनी ने उन्हें CEO बनाया था.

14. जेन्सेन हुआंग. सेमीकंडक्टर और ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) बनाने वाली चर्चित कंपनी NVIDIA के फाउंडर और CEO हैं. GPU मतलब एक कंप्यूटर चिप जिसका उपयोग कंप्यूटर से लेकर लैपटॉप, स्मार्टफोन और अन्य डिवाइसों में पिक्चर, वीडियो, 2D और 3D एनिमेशन को डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है. अब इसी GPU की जरूरत चैटबॉट को होती है. जेन्सेन का जन्म ताइवान में हुआ था. छोटी उम्र में उनको और उनके भाई को पढ़ाई के लिए अमेरिका भेजा गया. इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद उन्होंने कुछ साल AMD में काम किया. फिर साल 1993 में सिर्फ 30 साल की उम्र में NVIDIA बनाई. ग्राफिक्स कार्ड के 80 फीसदी बाजार पर इसी कंपनी का कब्जा है. AI तकनीक बढ़ने से कंपनी का कारोबार पिछले कुछ सालों में और तेजी से बढ़ा है.

15. एनरिक लोरेस. अमेरिकन आईटी कंपनी HP Inc के CEO और चेयरपर्सन हैं. इंटर्न से शुरू करके कंपनी के टॉप पद पर पहुंचे हैं. लोरेस मूल रूप से स्पेन के रहने वाले हैं. मेड्रिड में पैदा हुए. पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी ऑफ वेलेंसिया से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद बार्सिलोना में ESADE बिजनेस स्कूल से एमबीए किया. लोरेस 35 सालों से HP के साथ जुड़े हैं. 1989 में उन्होंने इंटर्न के तौर पर शुरुआत की थी. नवंबर 2019 में डियोन विसलर के बाद कंपनी के CEO बन गए.

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