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क्या बिना ISRO की प्लानिंग के पीएम मोदी ने लाल किले से अंतरिक्ष में भारतीय का ऐलान कर दिया?

जिस WHO की रिपोर्ट का हवाला दिया, वो भी गलत निकली.

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पीएम मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस पर 82 मिनट लंबा भाषण दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर 82 मिनट लंबा भाषण दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यकाल का ये आखिरी भाषण था. इस भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कई वादे किए और कई दावे किए. लेकिन इन दावों और वादों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के अंतरिक्ष मिशन पर ऐसा बोल गए कि उसके बारे में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के डायरेक्टर कन्फ्यूज हो गए. पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि 2022 तक गगनयान के जरिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में भेजे जा सकेंगे. जब पीएम मोदी ने ऐलान कर दिया, तो फिर इसरो के चेयरमैन के शिवन सामने आए. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी. लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी ने लक्ष्य दे दिया है, तो हम उसे ज़रूर पूरा करेंगे. इसके बाद के शिवन ने कहा कि हम पहले से ही इस मिशन पर लगे हुए हैं, लेकिन पीएम मोदी के लक्ष्य तय करने के बाद अब हमें प्राथमिकता के साथ काम करने की ज़रूरत है. हालांकि इस मुद्दे पर गगनयान मिशन से जुड़े हुए सैटेलाइट टीम के तुषार जाधव ने कहा है कि ये डेडलाइन मुश्किल है, लेकिन हमारे पास ऐसी क्षमता है कि हम इसे हासिल कर लेंगे. तुषार जाधव ने ये भी कहा कि इसके लिए हमें अपनी तकनीक को और ज्यादा विकसित करने की ज़रूरत है.

गगनयान भारत का ऐसा अंतरिक्ष मिशन है, जिसके तहत भारतीय सैटेलाइट के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जा सकेगा. हालांकि इससे पहले वायुसेना में पायलट रहे राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जा चुके हैं, जो रूस के अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा थे. इसके अलावा भारत में जन्मी कल्पना चावला और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष में जा चुकी हैं.
क्या स्वच्छ भारत मिशन से बची थी तीन लाख लोगों की जान?
पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दावा किया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है कि स्वच्छ भारत मिशन की वजह से भारत में तीन लाख लोगों की जान बचाई गई है. पीएम मोदी ने कहा-
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पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की तारीफ करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से कहा था कि इस अभियान की वजह से तीन लाख लोगों की जान बचाई जा चुकी है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है.
‘जब मैंने इसी लालकिले से 2014 में स्वच्छ भारत मिशन का एलान किया था तो लोगों ने मेरा मखौल उड़ाया था. लोगों ने कहा था कि मैं क्यों इस पर ऊर्जा लगा रहा हूं, जबकि सरकार के लिए और बहुत कुछ करने को है. लेकिन हाल में WHO की रिपोर्ट आई है. इसमें कहा गया है कि स्वच्छता मिशन की वजह से भारत में तीन लाख बच्चों की जान को बचाया जा सका है. तीन लाख बच्चों की जान बचाना प्रशंसनीय मानवीय कार्य है.’
लेकिन इंडिया टुडे की पड़ताल में सामने आया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगर अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत मिशन अपना 100 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लेता है, तो इस मिशन की वजह से दस्त, प्रोटीन और कुपोषण की वजह से होने वाली करीब 3 लाख मौतों को रोका जा सकेगा. WHO ने कहा है कि सरकार की खुले में शौच को खत्म करने की वजह से मृत्यु दर को घटाया जा सकेगा. सीधा सा मतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि स्वच्छ भारत मिशन की वजह से तीन लाख जान बचाई जा सकती है, लेकिन पीएम मोदी ने दावा कर दिया कि तीन लाख लोगों की जान बचा ली गई है.


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