गगनयान भारत का ऐसा अंतरिक्ष मिशन है, जिसके तहत भारतीय सैटेलाइट के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जा सकेगा. हालांकि इससे पहले वायुसेना में पायलट रहे राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जा चुके हैं, जो रूस के अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा थे. इसके अलावा भारत में जन्मी कल्पना चावला और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष में जा चुकी हैं.
क्या स्वच्छ भारत मिशन से बची थी तीन लाख लोगों की जान?
पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दावा किया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है कि स्वच्छ भारत मिशन की वजह से भारत में तीन लाख लोगों की जान बचाई गई है. पीएम मोदी ने कहा-

पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की तारीफ करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से कहा था कि इस अभियान की वजह से तीन लाख लोगों की जान बचाई जा चुकी है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है.
‘जब मैंने इसी लालकिले से 2014 में स्वच्छ भारत मिशन का एलान किया था तो लोगों ने मेरा मखौल उड़ाया था. लोगों ने कहा था कि मैं क्यों इस पर ऊर्जा लगा रहा हूं, जबकि सरकार के लिए और बहुत कुछ करने को है. लेकिन हाल में WHO की रिपोर्ट आई है. इसमें कहा गया है कि स्वच्छता मिशन की वजह से भारत में तीन लाख बच्चों की जान को बचाया जा सका है. तीन लाख बच्चों की जान बचाना प्रशंसनीय मानवीय कार्य है.’लेकिन इंडिया टुडे की पड़ताल में सामने आया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगर अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत मिशन अपना 100 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लेता है, तो इस मिशन की वजह से दस्त, प्रोटीन और कुपोषण की वजह से होने वाली करीब 3 लाख मौतों को रोका जा सकेगा. WHO ने कहा है कि सरकार की खुले में शौच को खत्म करने की वजह से मृत्यु दर को घटाया जा सकेगा. सीधा सा मतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि स्वच्छ भारत मिशन की वजह से तीन लाख जान बचाई जा सकती है, लेकिन पीएम मोदी ने दावा कर दिया कि तीन लाख लोगों की जान बचा ली गई है.
ये भी पढ़ें:
IIT स्कॉलर ने ट्वीट कर पीएम मोदी से कुछ मांगा, रिप्लाई देखकर वो उछल पड़ा
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा – PM मोदी चुनाव प्रचार में बिज़ी, ये काम बाद में होगा
कावेरी के पानी पर विवाद क्यों है, क्या है: आसान ढंग से समझ लीजिए
जब 'टेक्निकल वजह' से पीएम मोदी का धनुष नहीं चल पाया