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PM मोदी को मिला रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान किसे और क्यों दिया जाता है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22वीं India-Russia Annual Summit के लिए रूस गए हुए हैं. इसी दो दिन के दौरे में उन्हें (PM Modi) रूस का सबसे ऊंचा नागरिक सम्मान दिया गया है.

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PM मोदी को मिला रूस का सबसे ऊंचा सम्मान. (फ़ोटो - PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को 9 जुलाई को रूस के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ़ सेंट ऐंड्रयू द अपॉसल: द फ़र्स्ट कॉल्ड’ से नवाज़ा गया है. ये सम्मान उन्हें रूस और भारत के बीच रणनीतिक पार्टनरशिप और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ाने के लिए दिया गया है. Order of St Andrew the Apostle सम्मान मिलने पर PM मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन और रूस को धन्यवाद दिया. कहा कि ये 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है और दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती का प्रतिबिंब है.

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ऑर्डर ऑफ़ सेंट ऐंड्रयू द अपॉसल

रूस में शिष्टता का सबसे ऊंचा सम्मान. सत्रहवीं सदी (1698) में ज़ार पीटर द ग्रेट ने सेंट ऐंड्रयू के सम्मान में ये सम्मान शुरू किया था. बाइबल के नए टेस्टमेंट के अनुसार, वो यीशु द्वारा चुने गए बारह प्रेरितों में से एक थे और रूस में उन्हें संरक्षक संत (Patron Saint) माना जाता है.

इस सम्मान का मूल उद्देश्य था कि राज्य की असाधारण सेवा, अनुपम नागरिक और सैन्य योग्यता को पहचाना जाए. आदेश के प्रतीक चिह्न में आमतौर पर एक नीला सैश, सेंट ऐंड्रयू का सुनहरा क्रॉस वाला एक बैज और छाती पर पहना जाने वाला एक सितारा शामिल होता है.

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1917 में हुई रूसी क्रांति के बाद इस सम्मान को बंद कर दिया गया था. सोवियत संघ के विघटन के बाद इसे फिर शुरू किया गया.

PM नरेंद्र मोदी ने ऐसा क्या किया है?

प्रधानमंत्री 22वीं रूस-भारत सालाना समिट के लिए रूस के दौरे पर हैं. दरअसल, 2019 में ही घोषणा कर दी गई थी कि प्रधानमंत्री को ये सम्मान दिया जाएगा. आज बाक़ायदा उन्हें ये सम्मान दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक़, पुतिन के नेतृत्व में भारत-रूस संबंध सभी दिशाओं में मज़बूत हुए हैं और नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. उन्होंने कहा,

"भारत और रूस के संबंधों को बेहतर करने के लिए हमें लोगों से लोगों की साझेदारी को और प्रोत्साहित करना होगा... भारत-रूस साझेदारी बहुत ज़रूरी है. हमारा मानना ​​है कि शांति और स्थिरता के लिए हमें लगातार प्रयास करते रहना चाहिए."

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वहीं, रूसी-भारतीय सबंधों में बेहतरी के लिए पुतिन ने भी प्रधानमंत्री मोदी की सहारना की. कहा कि दोनों देश स्थिरता, वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बहुध्रुवीयता (multipolarity) के सिद्धांत को आगे बढ़ा रहे हैं. BRICS और SCO जैसी ग्रुपिंग्स में मिलकर काम कर रहे हैं.

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इससे पहले 2019 में PM मोदी आख़िरी बार रूस की यात्रा पर गए थे. तब पूर्वी बंदरगाह व्लादिवोस्तोक में हो रहे एक फ़ोरम में पुतिन से मिले थे. इसके बाद दोनों नेता सितंबर, 2022 में मिले. उज़्बेकिस्तान में हो रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में.

हालांकि, रूस और भारत के संबंधों की गहराई पश्चिमी देशों को नहीं ही सुहाती. जब PM मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की गले मिलती तस्वीर आई, तो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने उनकी कड़ी निंदा की. कहा कि ये बहुत बड़ी निराशा और झटका है.

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