प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट ने बुधवार, 16 जुलाई को किसानों के लिए बड़ा एलान किया. कैबिनेट मीटिंग में ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंजूरी दी गई. इस योजना में 24 हजार करोड़ रुपये का सालाना बजट रखा गया है, जो आगामी 6 सालों तक किसानों की मदद करेगा. ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का सबसे बड़ा मकसद भारत के कृषि क्षेत्र में बदलाव लाना है.
24000 करोड़ की 'पीएम धन-धान्य कृषि योजना' को मंजूरी, पैसा किन किसानों को मिलेगा, जान लें
Cabinet Meeting: केंद्रीय कैबिनेट ने Prime Minister Dhan Dhaanya Krishi Yojana का एलान किया गया. इसके तहत 100 जिलों को चिह्नित किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 24 हजार करोड़ रुपये का सालाना बजट दिया है.
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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट मीटिंग के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत 100 जिलों को चिह्नित किया जाएगा. इन 100 जिलों का चयन तीन मुख्य आधारों पर किया जाएगा- कम उत्पादन, कम फसल चक्र (एक ही जमीन पर कम बार फसल पैदा करना) और किसानों को कम कर्ज मिलना.
हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से कितने जिले चुने जाएंगे, यह उस राज्य में खेती लायक जमीन और किसानों की संख्या के अनुसार तय होगा. हालांकि, हर राज्य से कम से कम एक जिला जरूर शामिल किया जाएगा. इन जिलों में कृषि उत्पादकता को बढ़ाने, पानी की बचत, जैविक खेती को बढ़ावा देने और फसल के बाद के भंडारण सुविधाओं में सुधार जैसे कदम उठाए जाएंगे.
PIB की रिपोर्ट के मुताबिक, यह योजना 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, अन्य राज्य योजनाओं और प्राइवेट सेक्टर के साथ लोकल पार्टनरशिप के जरिए लागू की जाएगी. योजना के तहत 100 जिलों के लिए जिलास्तरीय कृषि योजनाएं बनाई जाएंगी. इन जिलों में किसान अपनी फसल की विविधता बढ़ाने, पानी की बचत करने और मिट्टी की सेहत बनाए रखने के लिए विशेष कदम उठाएंगे.
इस योजना का मकसद ना केवल कृषि क्षेत्र को सुधारना है, बल्कि पूरे देश में आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) को भी बढ़ावा देना है. जैसे-जैसे इन 100 जिलों के इंडिकेटर्स सुधरेंगे, वैसे-वैसे देश के संकेतक भी बेहतर होंगे.
इसके अलावा कैबिनेट ने एलान किया कि नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NTPC Limited) भी रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इससे भारत के एनर्जी सेक्टर में भी विकास होगा और पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ेगी.
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