हाल में लखनऊ में एक पालतू पिटबुल कुत्ते (Pitbull Dog) ने अपनी ही मालकिन को हमला कर मार डाला था. इस घटना को लेकर लोगों की हैरानी अभी खत्म नहीं हुई थी कि एक और पिटबुल हमले की खबर जानने को मिली. हालांकि मामला भारत का नहीं है और कुछ समय पहले का है. अमेरिका के टेक्सास की एक महिला के साथ ये घटना हुई. उसके पालतू पिटबुल ने उसे बेरहमी से काट लिया. हमले में कुत्ता अपनी मालकिन का हाथ बुरी तरह खा गया. गनीमत है कि इस हमले में पीड़िता की जान बच गई.
पिटबुल के जानलेवा हमले में बची महिला ने अब बताया- उसने मुझे जिंदा खाने की कोशिश की
हमले में महिला की हालत ऐसी हुई कि उसे 2 दिन वेंटिलेटर पर रहना पड़ा. वो 19 दिन अस्पताल में रही. हाथ, पैर और शरीर के दूसरे हिस्से में 100 से ज्यादा स्टिचेज लगे.

दो महीने पहले हुए इस हमले में जिंदा बचीं 41 साल की टिया लुकास ने अब मीडिया को अपनी कहानी बताई है. न्यूयॉर्क पोस्ट में 19 जुलाई को छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ समय पहले टिया अपने नए कुत्ते 'रू' का परिचय अपनी दोस्त से करवा रही थी. इसी दौरान उसका पिटबुल 'हरक्यूलस' उस पर हमलावर हो गया. पिटबुल ने पहले उसकी दोस्त पीटर की गर्दन को दबोच लिया. जब उन्होंने किसी तरह अपनी दोस्त को बचाने की कोशिश की तो वह उस पर भड़क गया. टिया ने घटना को याद करते हुए कहा कि वह जमीन पर देख रही थी कि उसके हाथ के मांस का टुकड़ा गिरा हुआ था.
'जान लेने की कोशिश कर रहा था'हमले में कुत्ते ने टिया के दाहिने हाथ के करीब दो तिहाई हिस्से को बुरी तरह नोच दिया था. हाथ को काटने के बाद उसने टिया के पैरों को भी नहीं छोड़ा. जब वो चिल्लाई तो उसकी बेटी और उसके पति दौड़ते हुए वहां पहुंचे. बेटी टाना ने देखा कि कुत्ता उसकी मां की जान लेने पर तुला है. उसने हाथ बढ़ाकर बचाने की कोशिश की लेकिन कुत्ता उसके पैर को घसीटकर और दूर खींच लिया. बहुत मशक्कत के बाद उसके पति ने कुत्ते को मारकर भगाया.
टिया ने उस घटना की तस्वीरें भी शेयर की हैं. इसमें उनके कमरे की दीवार और फर्श पर कई जगह खून के धब्बे दिख रहे हैं. टिया घटना को याद करते हुए बताती हैं कि यह सब करीब 5 मिनट तक चला था. उन्हें लगा कि वो मरने ही वाली हैं, लेकिन किसी तरह बच पाई. टिया ने बताया कि हरक्यूलस नाम का उनका कुत्ता उन्हें जिंदा ही खाने की कोशिश कर रहा था. इससे पहले दो सालों में कभी उसने इस तरह का व्यवहार नहीं किया था. इस घटना से एक रात पहले ही पिटबुल उनके साथ सोया था.
100 से ज्यादा स्टिचेज लगेकुत्ते के इस हमले में टिया की हालत ऐसी हुई कि उन्हें 2 दिन वेंटिलेटर पर रहना पड़ा. वो 19 दिन अस्पताल में भर्ती रहीं. हाथ, पैर और शरीर के दूसरे हिस्से में 100 से ज्यादा स्टिचेज लगे. कुत्ते के हमले के दो महीने बाद भी वो ठीक नहीं हो पाई है. उनकी कलाई अब भी नहीं घूमती है.
पिटबुल कुत्ते की चर्चा बीते दिनों लगातार हुई है. टाइम मैगजीन की एक रिपोर्ट बताती है कि पिटबुल कुत्तों की आबादी का सिर्फ 6 फीसदी है. लेकिन कुत्तों के हमले के लिए 68 फीसदी जिम्मेदार पिटबुल को ही माना जाता है. वहीं 1982 से 52 फीसदी कुत्तों से जुड़ी मौत के लिए इसे ही जिम्मेदार माना गया है.
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