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पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, 'भ्रामक' विज्ञापन मामले में अब ये सफाई दी

Patanjali ने भ्रामक विज्ञापन (Misleading ads) वाले केस में माफी मांग ली है. कंपनी ने बिना कोई शर्त माफी मांगी है.

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'भ्रामक' विज्ञापन मामले में पतंजलि ने माफी मांग ली है (फोटो: PTI)

पतंजलि (Patanjali) ने भ्रामक विज्ञापन (Misleading ads) वाले केस में बिना कोई शर्त माफी मांग ली है. पतंजलि ने ये माफी अपने पुराने बयानों के लिए मांगी है. पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कंपनी के 'अपमानजनक बयानों' वाले विज्ञापन पर खेद जाहिर किया है. 

कंपनी के MD बालकृष्ण ने हलफनामे में कहा कि पिछले साल नवंबर के बाद जारी किए गए विज्ञापनों का उद्देश्य केवल 'सामान्य बयान' था, हालांकि उसमें गलती से 'अपमानजनक वाक्य' शामिल हो गए. उन्होंने साथ ही ये भी बताया कि इन विज्ञापनों को पतंजलि के मीडिया विभाग ने मंजूरी दी थी. 

इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के MD बालकृष्ण को अदालत में बुलाया था. 27 फरवरी, 2024 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने मधुमेह, बीपी, थायराइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया जैसी बीमारियों से ‘स्थायी राहत, इलाज और उन्मूलन’ का दावा करने वाले पतंजलि के विज्ञापनों को भ्रामक बताया और उनपर रोक लगा दी थी. रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के MD बालकृष्ण से तीन हफ़्ते के अंदर जवाब भी मांगा था. लेकिन अदालत को रामदेव या पतंजलि की तरफ़ से कोई जवाब मिला नहीं.

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19 मार्च को जारी किया था नोटिस

जिसके बाद 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि (Patanjali) के भ्रामक विज्ञापन वाले केस में अवमानना नोटिस जारी की. साथ ही योग गुरु रामदेव (Ramdev) और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए. 19 मार्च की सुनवाई में सबसे पहले कोर्ट ने रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी से यही पूछा कि अभी तक जवाब दाखिल क्यों नहीं किया है. जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सख़्ती से कहा,

“हम रामदेव को पक्षकार बनाएंगे. रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों को अदालत में पेश होना होगा. कोर्ट ने कहा कि हम मामले की सुनवाई टालने नहीं जा रहे हैं. ये बात बिल्कुल साफ है.”

बताते चलें कि पतंजलि ने नवंबर 2023 में आश्वासन दिया था कि वो चिकित्सा की किसी भी प्रणाली की निंदा करने से परहेज करेगी. हालांकि, पिछले आश्वासन के बावजूद, पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापनों का सिलसिला जारी रखा 

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