समाजवादी पार्टी (SP) के नेता और पूर्व सांसद डॉक्टर एसटी हसन (SP leader ST Hasan) के एक हालिया बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. एसटी हसन उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से हुए हादसे की वजहों पर बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दूसरे के मजहब का कोई भी सम्मान नहीं हो रहा है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सपा को घेरा है.
'उत्तराखंड-हिमाचल में दूसरे मजहब का सम्मान नहीं,' धराली हादसे पर बोले सपा नेता, BJP भड़की
ST Hasan Dharali Controversy: एसटी हसन के बयान की BJP ने आलोचना की और सपा को ‘सांप्रदायिक पार्टी’ करार दिया. विवाद बढ़ा तो एसटी हसन ने इस मामले में फिर अपनी प्रतिक्रिया दी.

शुक्रवार, 8 अगस्त को मुरादाबाद के पूर्व सांसद एसटी हसन ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
हादसे में गांव के गांव साफ हो गए. वहां इतनी बारिश भी नहीं हो रही थी. आखिर इतनी बड़ी आपदाएं क्यों आ रही है, हमें सोचना चाहिए. हमने जंगलों के साथ बड़ी नाइंसाफी की है... और दूसरी बात, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दूसरे के मजहब का कोई सम्मान नहीं हो रहा है...
सपा नेता ने आगे कहा,
BJP ने घेर लियाकिसी भी धार्मिक स्थल पर, चाहे वो दरगाह हो, मस्जिद या मंदिर हो, बुलडोजर नहीं चलाना चाहिए. भले आप उसे खाली करा लें. इस दुनिया को चलाने वाला कोई और है. जब उसका इंसाफ होता है, तो फिर आदमी कहीं से भी अपने आप को नहीं बचा पाता है.
इसे लेकर BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एसटी हसन और समाजवादी पार्टी की आलोचना की. उन्होंने सपा को ‘सांप्रदायिक पार्टी’ तक करार दिया. मीडिया से बात करते हुए शहजाद पूनावाल बोले,
सपा का मतलब अब 'सांप्रदायिक पार्टी' हो जाना चाहिए. प्राकृतिक आपदा में भी ये लोग वोट बैंक की राजनीति के नाम पर सांप्रदायिकता का इंजेक्शन लगाते हैं. ये वही व्यक्ति हैं, जिन्हें कांवड़िएं आतंकियों की तरह नजर आते हैं. ये वही पार्टी है, जिसे रामचरितमानस में जहर नजर आता और फाड़ देते हैं... ये वही लोग हैं, जो सनातन धर्म का अपमान करते हैं.
BJP नेता ने आगे कहा,
ST Hasan की सफाईजब हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लोगों पर इतनी बड़ी त्रासदी आई है, तो ये कहते हैं कि हिमाचल और उत्तराखंड के लोग दूसरे धर्म का मतलब मुस्लिम लोगों का सम्मान नहीं करते, इसलिए ये अल्लाह का इंसाफ है… आज देवभूमि के लोग इस तरह की दानव और राक्षसी बातों को कभी माफ नहीं करेंगे.
विवाद बढ़ा तो एसटी हसन ने मामले पर फिर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने शनिवार, 9 अगस्त को मीडिया से बात करते हुए कहा,
सिर्फ बादल फटने की बात नहीं है. और भी कई प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं… मैंने कहा था कि हमारा इकोसिस्टम खराब हो गया है. अंधाधुंध जंगलों को काटा जा रहा है, ये भी तो मैंने कहा है... दूसरी बात, जिन जगहों पर ऊपर वाले की इबादत होती है, पूजा होती है, चाहे वो मस्जिद हो, दरगाह हो या मंदिर हो. उन पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए. आप उन्हें खाली करवा सकते हैं. लेकिन उन्हें ऐसे ही खड़ा रहने दीजिए.
एसटी हसन ने आगे कहा,
आप ऐसा करके न सिर्फ गलत मैसेज भेजते हैं, बल्कि ये गुनाह है. इसलिए ऊपर वाले की रहमत हमारे साथ नहीं होती. और ऐसे में वो आपदाओं को नहीं रोकता. हिंदू, सिख, क्रिश्चियन लोग ये मानते हैं कि जो कुछ होता है, पैदा करने वाले के हुक्म से होता है. ऊपर वाला रहम करे, तो हम सब बच जाते हैं. जब उसका रहम खत्म हो जाए, तो हम आपदा की चपेट में आ जाते हैं. हमें अफसोस है कि इतनी बड़ी आपदा हो गई उत्तराखंड में. लोग परेशान हुए, कितने लोग मारे गए. हमारी हमदर्दी उन लोगों के साथ है.
एसटी हसन ने उत्तराखंड के हादसों में हुई मौतों पर दुख जताया. जिनकी मौत हुई, उनके प्रति उन्होंने सहानुभूति भी जताई. सपा नेता ने आगे कहा कि राज करने वालों को ध्यान रखना चाहिए कि धार्मिक स्थलों को बेअदबी ना हो, चाहे वो मंदिर हो, मस्जिद हो या दरगाह हो.
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