उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है. इससे पहले महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट किया था कि इस मामले को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

न्यूज़ एजेंसी ANI का यह ट्वीट देखिए.
न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक़, गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार से मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी है.
पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है. जिन्होंने दो साधुओं, एक ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जूना अखाड़े के दो साधु 35 साल के सुशील गिरी महाराज और 70 साल के चिकणे महाराज कल्पवृक्षगिरी ड्राइवर निलेश के साथ 17 अप्रैल को मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत जा रहे थे. दोस्त के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए. कांदिवली से करीब 120 किलोमीटर का रास्ता भी तय कर लिया था. पीटीआई के अनुसार कुछ लोगों ने तीनों को रोक लिया और उन्हें गाड़ी से निकाल कर पीट-पीट कर मार डाला. भीड़ को इन पर चोर होने का शक था.
पालघर के डीएम कैलाश शिंदे ने बताया कि तीनों कांदिवली से सूरत जा रहे थे. दादरा और नगर हवेली की सीमा के बीच एक गांव है. जहां ये घटना हुई है. गांव वालों के हाथ में कुल्हाड़ी, लकड़ी, पत्थर समेत दूसरे हथियार थे. इन हथियारों से उन्होंने तीनों पर हमला किया. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. तीनों को गाड़ी में डाला. पर गांव वालों ने फिर अटैक कर दिया. तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. घटना में कई पुलिसवाले भी जख्मी हुए हैं.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार हुए 110 लोगों में से नौ नाबालिग हैं. 101 लोगों को इस महीने की 30 तारीख तक के लिए पुलिस कस्टडी में लिया गया है. इस मामले में जांच अभी जारी है.
विडियो- महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग हुई और पुलिस कुछ नहीं कर पाई!