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इस पाकिस्तानी क्रिकेटर ने पहले ब्रैडमैन को पीछे छोड़ा और अब मौत को

सुनील गावस्कर लिटिल मास्टर की उपाधि पाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं. पहला कौन? हनीफ मोहम्मद.

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हनिफ के साथ सचिन. Reuters
हनीफ मोहम्मद. पाकिस्तान के क्रिकेटर. हॉस्पिटल में हैं. खबर आई की उनकी मौत हो गई. हनीफ के बेटे हॉस्पिटल में बाहर आते हैं और मीडिया को बताते हैं कि  उनके फादर अब इस दुनिया में नहीं रहे. लेकिन पता चलता है कि उनकी हार्ट बीट चल रही है. डॉक्टर के मुताबिक 6 मिनट के लिए हार्ट बीट ठहर गई थी. जो फिर से चलने लगीं. पाकिस्तानी मीडिया ने इसे मोजिज़ा (miracle) बताया. कहा, 'मोजिज़ा हो गया, हनीफ मोहम्मद के दिल की धड़कने  बंद होने के बाद बहाल हो गईं.' पाकिस्तान के पूर्व बैट्समैन हनीफ़ मोहम्मद कराची के अस्पताल में एडमिट हैं. जहां उनका इलाज चल रहा है.
जिन्हें उनके बारे में कुछ ख़ास नहीं मालूम है तो उनके लिए बता देते हैं कि पहले 'लिटिल मास्टर' वही हैं. हालत बहुत ज्यादा खराब होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. 81 साल के हो चुके हनीफ़ मोहम्मद को सांस की प्रॉब्लम है. पिछले महीने भी उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. जिसके चलते उन्हें एडमिट किया गया था.
उनकी हालत सुधरने के बजाए, दिनोंदिन बिगड़ती ही जा रही है. हनीफ़ कैंसर के भी मरीज हैं. उनके बेटे हैं शोएब मोहम्मद. उनका कहना है कि उनकी हालत बहुत सीरियस है. हम अल्लाह से उनकी सेहत के लिए दुआ कर रहे हैं.
क्रिकेट का पहला और ओरिजिनल लिटिल मास्टर
हनीफ़ ने क्रिकेट करियर की शुरूआत 1952 में की. इंडिया के खिलाफ उन्होंने अपना पहला मैच खेला. अपने 17 साल के करियर में हनीफ ने 55 मैच खेले. 44 की औसत से कुल 3915 रन बनाए. उन्होंने अपना बेस्ट स्कोर वेस्ट इंडीज के खिलाफ ब्रिजटाउन में बनाया.
Hanif
हनीफ मोहम्मद

साल 1958. मैच का तीसरा दिन. सामने खड़ी थी वेस्ट इंडीज़ की टीम. बात तबकी है जब वेस्ट इंडीज़ के लाइन अप में सर गैरी सोबर्स शोभा देते थे. पाकिस्तान 473 रनों से पिछड़ रहा था. मैच ड्रॉ कराने के लिए हनीफ ने जान लगा दी. 970 मिनट तक खेलते रहे. घंटे में बदलें तो 16 घंटे से कुछ ज़्यादा वक्त. इतनी देर में 337 रन ठोंक डाले. ये क्रिकेट वर्ल्ड में सबसे लंबी इनिंग थी. छोटी कद-काठी और शानदार बैटिंग के कारण साथी खिलाड़ियों ने उनको लिटल मास्टर की उपाधि दे दी. 70 के दशक में आए हमारे सुनील गावस्कर. छोटी कद-काठी और बल्लेबाजी में हनीफ़ की तरह हौंकने वाले, लोगों को दोनों में काफ़ी समानतायें दिखीं. और तभी लिटल मास्टर की उपाधि हनीफ से पास हो कर गावस्कर को मिल गई.


साल 1958 में हनीफ़ ने डॉन ब्रैडमैन के पर्सनल बेस्ट स्कोर वाला रिकॉर्ड तोड़ दिया. फर्स्ट क्लास इनिंग्स में 499 रन ठोंक डाले. लास्ट रन लेने के लिए दौड़ पड़े. पर रन आउट हो गए. हनीफ़ का ये रिकॉर्ड 35 साल के बाद 1994 में ब्रायन लारा ने तोड़ा.
लाहौर की एलीट क्लास के हिस्से से खींच कर क्रिकेट को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए हनीफ़ मोहम्मद को पूरा क्रेडिट देना चाहिए. साथ ही बैट्समेन को एक लेसन लेना चाहिए कि कैसे बिना हवा में शॉट खेले अटैकिंग क्रिकेट खेला जा सकता है. रिवर्स स्वीप के जनक हनीफ मोहम्मद के अच्छे स्वास्थ्य की कामना.

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