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आसिम मुनीर का प्रमोशन, वो पद मिल गया जो अब तक सिर्फ अयूब खान को मिला था

पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को प्रमोशन मिल गया है. शहबाज शरीफ सरकार की कैबिनेट ने उन्हें फील्ड मार्शल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अयूब खान के बाद वह पाकिस्तान के दूसरे फील्ड मार्शल हैं.

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पाकिस्तान सरकार ने असीम मुनीर का प्रमोशन कर दिया है (तस्वीरः India Today)

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को ‘इनाम’ मिला है. वह पाकिस्तानी सेना के जनरल से फील्ड मार्शल बन गए हैं. मंगलवार 20 मई को उनका प्रमोशन कर दिया गया. इसके साथ ही वह पाकिस्तान के इतिहास के दूसरे फील्ड मार्शल बन गए. इसके पहले सिर्फ अयूब खान को यह ओहदा हासिल था.

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फील्ड मार्शल बनाए जाने पर आसिम मुनीर ने सबसे पहले ‘अल्लाह को शुक्रिया’ कहा है. उन्होंने कहा,

मैं यह सम्मान पूरे देश, पाकिस्तान के सशस्त्र बलों, खासतौर पर नागरिक और शहीदों तथा गाजियों को समर्पित करता हूं.

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उन्होंने कहा,

मैं पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कैबिनेट का आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया है. यह सम्मान राष्ट्र का भरोसा है, जिसके लिए लाखों आसिम ने अपनी कुर्बानी दी है.

मुनीर ने कहा कि यह कोई व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं और पूरे राष्ट्र का सम्मान है.

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पाकिस्तान का 'झूठ'

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष में यूं तो पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी. फिर भी वहां जश्न ही नहीं रुक रहा. एक तरफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हैं, जो तमाम मंचों से दावा कर रहे हैं कि इस संघर्ष में पाकिस्तान की जीत हुई. वहीं, अब भारतीय सैन्य हमले के सामने बिखर जाने वाली पाकिस्तानी सेना के नायक को प्रमोशन दिया जा रहा है. 

अयूब के बाद मुनीर फील्ड मार्शल

आसिम मुनीर का जिस पद पर प्रमोशन हुआ है, वह पाकिस्तान आर्मी में सर्वोच्च पद होता है. इस पद की अहमियत का अंदाजा इससे लगाइए कि पाकिस्तान के इतिहास में अब तक सिर्फ एक ही फील्ड मार्शल हुए थे. 1959-1967 के बीच अयूब खान पाकिस्तान के अकेले फील्ड मार्शल थे. उनके बाद अब ये पद आसिम मुनीर को मिला है.

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यह पाकिस्तान के प्रोपेगैंडा वॉर का हिस्सा है. शहबाज सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि दुनिया को लगे कि मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तानी आर्मी ने भारतीय सेना पर जीत हासिल की है. जबकि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत न सिर्फ पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकवादी ठिकाने तबाह कर दिए थे बल्कि सैन्य संघर्ष के दौरान भी पाकिस्तानी सेना के कई ठिकाने और तमाम चीनी हथियार तहस-नहस कर दिए थे.

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