पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती इलाकों में हवाई हमले की कोशिश (India Pakistan News) की. भारतीय सेना ने इन हमलों को नाकाम कर दिया और जवाबी कार्रवाई भी की. इस कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ है. इतना कि वो अपने इंटरनेशनल पार्टनर्स से और अधिक पैसा मांगने लगा है.
जंग लड़ने के लिए ट्वीट करके पैसा मांग रहा था पाकिस्तान, फजीहत हुई तो पता है क्या सफाई दी?
Pakistan ने अपने इंटरनेशनल पार्टनर्स से और पैसा मांगा है. लिखा पैसा दे दो. वर्ल्ड बैंक को भी टैग किया. लेकिन कुछ ही मिनटों में उसकी इतनी फजीहत हुई कि उसे अपनी सफाई में एक बयान जारी करना पड़ा.


पाकिस्तानी सरकार के ‘इकोनॉमिक अफेयर्स डिवीजन’ के आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट किया गया. इसमें लिखा गया,
दुश्मन ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है. इसके बाद पाकिस्तानी सरकार ने अपने इंटरनेशनल पार्टनर्स से और अधिक कर्ज देने की अपील की है. बढ़ते युद्ध और शेयरों में गिरावट के बीच, हम अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से तनाव कम करने में मदद करने का आग्रह करते हैं.

इस पोस्ट में वर्ल्ड बैंक के आधिकारिक हैंडल को भी टैग किया गया.
फजीहत हुई तो ये कहाइस पोस्ट के कुछ ही मिनटों बाद, पाकिस्तान की फजीहत होने लगी. एक घंटे के बाद पाकिस्तान के ‘इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्ट्री’ ने एक बयान जारी किया. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार का ये आधिकारिक एक्स अकाउंट हैक हो गया है.
आज यानी 9 मई को इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की एक बोर्ड मीटिंग होनी है. IMF, वैश्विक स्तर पर फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को बढ़ाने के लिए काम करता है. आसान भाषा में देशों को लोन देता है. उसकी मॉनिटरिंग करता है और आर्थिक विकास से जुड़े सलाह देता है.
IMF की इस बैठक में पाकिस्तान को दिए गए लोन की समीक्षा होनी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में पाकिस्तान के 1.3 बिलियन डॉलर (लगभग 11,152 करोड़ रुपये) के लोन पर चर्चा हो सकती है. IMF में भारत के कार्यकारी निदेशक' इस बैठक में भारत का पक्ष रखेंगे.
पिछले साल भी पाकिस्तान को मिला था भारी लोनपाकिस्तान को पिछले साल ही IMF से 7 बिलियन डॉलर (लगभग 60,068 करोड़ रुपये) का बेलआउट प्रोग्राम मिला था. बेलआउट का मतलब होता है किसी व्यवसाय को डूबने से बचाने के लिए दी गई सहायता. इसके बाद उसे 1.3 बिलियन डॉलर का नया लोन मिला था.
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विदेश सचिव की IMF से अपीलइससे पहले 8 मई को इस मामले पर भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री का भी बयान आया था. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को राहत देने से पहले IMF बोर्ड को गंभीरता से विचार करना चाहिए. पैकेज देने वालों को ये देखना चाहिए कि पाकिस्तान ने इन पैसों का इस्तेमाल किस तरह से किया है.
उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान के कई प्रोग्राम को स्वीकृति दी गई है. लेकिन उनमें से कितने सही साबित हुए हैं. इसलिए बोर्ड के सदस्यों को सोच समझकर फैसला लेना चाहिए.
इससे पहले, 4 अप्रैल को ही IMF को लेकर एक और बड़ी खबर आई थी. भारत सरकार ने डॉ कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को IMF में भारत के कार्यकारी निदेशक पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन पर आरोप लगे कि उन्होंने अपनी नई किताब के प्रचार में अनियमितता बरती.
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