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12 दिसंबर को इस ओमुअमुआ से संपर्क साधने की कोशिशें शुरू हो गई है. दुनिया का सबसे ताकतवर रेडियो टेलिस्कोप इसकी आवाज़ सुनने की कोशिश करेगा. मालूम करने की कोशिश करेगा कि क्या इससे कोई रेडियो तरंग या मैसेज भेजा जा रहा है.
ऐस्टरॉइड अक्सर सूरज के चारों ओर चक्कर लगाते हैं. मंगल और बृहस्पति की जो कक्षा है, उसमें भी मिलते हैं. तो ये वाला जो ऐस्टरॉइड था, वो बड़ा अजीब था. अपनी बिरादरी से अलग. देखने में सिगार जैसा. बहुत लंबा. इसका एक सिरा किसी नोक जैसा निकला था. इसका ये अजीब सा रूप-रंग ही था, जिसको देखकर खगोलशास्त्री (अंतरिक्ष के वैज्ञानिक को खगोलशास्त्री बोलते हैं) सिर खुजलाने लगे. ये जो अजीबोगरीब सी चीज़ थी, वो बड़ी दूर से आया था. किसी और आकाशगंगा (आकाशगंगा यानी तारों का मुहल्ला) से. ओमुअमुआ पहला ऐसा पिंड था, जो किसी और आकाशगंगा से हमारे सौर मंडल में आया था. किसी तिलिस्म जैसा रहस्यमय. ऐसा लगता था जैसे किसी ने बड़ा सोच-समझकर, बड़े जतन से उसे बनाया है. सैकड़ों मीटर लंबा, मगर चौड़ाई में कम. लंबाई का बस दसवां हिस्सा चौड़ा. ऐस्टरॉइड अक्सर गोल होते हैं. ओमुअमुआ जैसे तो बिल्कुल नहीं होते.

इसकी आकृति ऐसी नहीं है जैसी ऐस्टरॉइड्स की होती है. ऐस्टरॉइड अक्सर गोलाकार होते हैं. ऐसा लगता है कि इसे सोच-समझकर बनाया गया है. इसका जो डिजाइन है, वो भी इंटेशनल बनाया गया लगता है. सिगार की शेप में, जो कि अंतरिक्ष में लंबी दूरी तय करने के लिए बनाए गए अंतरिक्षयानों का सबसे मुफीद डिज़ाइन है.
घंटे भर में करीब दो लाख मील चल लेता है ओमुअमुआ
एक प्रॉजेक्ट है. एलियन्स को खोजने का बहुत-बहुत महंगा प्रॉजेक्ट. अंग्रेजी नाम है, सर्च फॉर एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस. छोटे में, सेटी. इसके अंदर एक योजना चलती है. ब्रेकथ्रू लिसन. 2015 में रूस के एक खरबपति कारोबारी यूरी मिलनर ने इसे शुरू किया था. इस टीम में स्टीफन हॉकिंग भी शामिल हैं. 'ब्रेकथ्रू लिसन प्रॉजेक्ट' का प्लान है कि एलियन्स को खोजने के लिए वो धरती के आस-पास के करीब 10 लाख तारों और 100 आकाशगंगाओं को छान मारेगा. ओमुअमुआ इनके लिए बड़ा मौका लेकर आया है. इसके वैज्ञानिक अब बहुत ताकतवर टेलिस्कोप बना रहे हैं. खास ओमुअमुआ को देखने के लिए. ये इसको करीब से देखकर पढ़ेगा और पता लगाएगा कि ये आया कहां से है. हमारे वैज्ञानिक काफी समय पहले कह चुके हैं कि अगर हम अंतरिक्ष में बहुत दूर जाना चाहते हैं तो हमको भी इसी डिजाइन का स्पेसक्राफ्ट बनाना चाहिए. इस डिजाइन के कारण अंतरिक्षयान के साथ दुर्घटना होने का अंदेशा कम हो जाता है. रफ्तार भी बढ़ जाती है. यही वजह है शायद कि ओमुअमुआ बहुत तेजी से अंतरिक्ष में आगे बढ़ रहा है. इसकी रफ्तार है 196,000 मील प्रति घंटे.
वैज्ञानिकों का कहना है कि ये इतना ताकतवर है कि इसको सूरज का गुरुत्वाकर्षण भी अपनी ओर नहीं खींच पाएगा. ये बड़े आराम से सूरज के पास से गुज़र जाएगा. हमारे सौरमंडल से भी सुरक्षित बाहर निकल जाएगा. 12 दिसंबर को दुनिया के सबसे बड़े ग्रीन बैंक रेडियो टेलिस्कोप से इस ओमुअमुआ को सुनने की कोशिश शुरू कर दी गई है कि उससे कोई आवाज़ आ रही है क्या? कोई संदेश आ रहा है? वगैरह-वगैरह. धरती और सूरज के बीच की जो दूरी है, उससे दोगुनी दूरी पर है ये ओमुअमुआ. ग्रीन बैंक टेलिस्कोप को उसे खोजने में एक मिनट से भी कम वक्त लगा. अगर ये वैज्ञानिकों की सोच के मुताबिक सच में कोई एलियन स्पेसक्राफ्ट निकला तो ये इंसानी इतिहास की सबसे बड़ी बात होगी. इससे बड़ी कोई और खबर ही नहीं होगी.
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