राज्यसभा में सोमवार, 9 दिसंबर को सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों पर भारी हंगामा किया. इसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 3 बजकर 10 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. इस बीच खबर है कि विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव? INDIA ब्लॉक की तैयारी क्या है?
सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 70 सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं.

आजतक की मौसमी सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी गठबंधन एकजुट हो गया है. जॉर्ज सोरोस से जुड़े मुद्दे पर जिस तरह से राज्यसभा में हंगामा हुआ, उसे लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सभापति जगदीप धनखड़ से नाराज बताए जा रहे हैं.
जगदीप धनखड़ के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) भी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बताए जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से INDIA ब्लॉक के प्रदर्शनों से दूर-दूर नज़र आ रहे TMC और सपा के सांसदों ने धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक विपक्षी दल मंगलवार, 10 दिसंबर को राज्यसभा में सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं. उनको हटाने के प्रस्ताव पर कम से कम 50 सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है. सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 70 सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं.
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बता दें कि भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है. इसलिए राज्यसभा के सभापति को पद से तभी हटाया जा सकता है, जब उसे भारत के उपराष्ट्रपति पद से हटा दिया जाए. संविधान के अनुच्छेद 67(b) के अनुसार उपराष्ट्रपति को राज्यसभा द्वारा पारित प्रस्ताव के जरिए उसके पद से हटाया जा सकता है.
इसके लिए, राज्यसभा के सभी सदस्यों के बहुमत से प्रस्ताव पारित होना चाहिए और लोकसभा को भी उस प्रस्ताव पर सहमति देनी चाहिए. इसके अलावा, कम से कम 14 दिन पहले उपराष्ट्रपति को हटाने के आशय का नोटिस देना ज़रूरी है.
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