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'वन नेशन वन इलेक्शन' से किस पार्टी को होगा फायदा? रामनाथ कोविंद ने साफ-साफ बता दिया

One Nation One Election: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर बड़ा अपडेट आया है. ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए गठित कमीशन के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति Ramnath Kovind ने क्या-क्या कहा है?

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रामनाथ कोविंद ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर सभी पार्टियों का सहयोग मांगा है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने बताया है कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' (One Nation One Election) से भारत में किस राजनीतिक दल को सबसे ज्यादा फायदा होगा. कोविंद ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए गठित कमीशन के अध्यक्ष हैं. सोमवार 20 नवंबर को उन्होंने कहा कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को कई पार्टियों समेत नीति आयोग और चुनाव आयोग जैसी संस्था ने सपोर्ट किया है. किसे इससे फायदा होगा? इसे लेकर कोविंद ने क्या कहा? आइये जानते हैं. 

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न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रामनाथ कोविंद ने कहा,

"ये प्रथा (वन नेशन, वन इलेक्शन) अगर लागू होती है तो इसका फायदा केंद्र की सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा. चाहे वो BJP हो, कांग्रेस हो या कोई दूसरा राजनैतिक दल हो."

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उन्होंने आगे कहा कि जनता को भी इसका फायदा मिलेगा, क्योंकि इससे करोड़ों रुपये का रेवेन्यू बचेगा. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को सपोर्ट करने का आग्रह करते हुए कहा,

“हम सभी से अनुरोध कर रहे हैं कि वे हमें अपना सकारात्मक समर्थन दें, क्योंकि यह राष्ट्रीय हित में है. इसका किसी पार्टी विशेष से कोई लेना-देना नहीं है. उदाहरण के तौर पर अगर इसे लागू किया गया तो इसका फायदा केंद्र में जो भी पार्टी सत्ता में होगी, उसे ही मिलेगा, चाहे वह बीजेपी हो या कांग्रेस या कोई अन्य राजनीतिक दल. इसमें कोई भेदभाव नहीं है. इसका सबसे बड़ा फायदा आम जनता को होगा. जो रेवेन्यू आएगा, उसका उपयोग विकास कार्यों में किया जा सकेगा."

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इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्टर्ड सभी राजनीतिक दलों से संपर्क किया गया है. उनके सुझाव मांगे गए हैं. कोविंद ने बताया कि कभी-न-कभी हर राष्ट्रीय राजनीतिक दल ने इसका (वन नेशन, वन इलेक्शन) समर्थन भी किया है. उनके मुताबिक कुछ दलों द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है, लेकिन सभी से आग्रह है कि इस पर साकारात्मक सहयोग करें. 

चुनाव आयोग ने इसे चुनौती क्यों बताया?

पिछले महीने चुनाव आयोग ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की चुनौतियों की ओर ध्यान खींचा था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग ने ईवीएम और अन्य लॉजिस्टिक के निर्माण को एक बड़ी चुनौती बताया था. आयोग ने कहा था कि उसे ईवीएम और वीवीपैट आदि की तैयारी के लिए एक साल के समय की जरूरत होगी. इस साल की शुरुआत में ही चुनाव आयोग ने लॉ कमीशन को अपनी प्रतिक्रिया दे दी थी. 

केन्द्र सरकार ने बीते 2 सितंबर को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए कमीशन का गठन किया था. इस 8 सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं. कमीशन में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा गुलाब नबी आजाद, फाइनेंस कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल सुभाष कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी भी शामिल हैं.

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