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GST फ्रॉड कर-कर के करोड़ों भकोस गए दिल्ली के ये अरबपति, अजय देवगन से खरीद ली लग्जरी कार

GST फ्रॉड मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान संजय ढींगरा, कनिका ढींगरा और मयंक ढींगरा के तौर पर की गई है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं. इस मामले में अब तक पुलिस 41 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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पुलिस ने इन तीनों के पास से लगभग 10 करोड़ रुपये की कीमत की गाड़ियां बरामद की हैं. (फोटो- इंडिया टुडे)

नोएडा पुलिस ने GST फ्रॉड के एक मामले में दिल्ली के तीन अरबपतियों को गिरफ्तार किया है (Noida GST fraud case). आरोपियों ने कथित तौर पर फर्जी फर्म बनाकर, फर्जी बिलों के माध्यम से लगभग 68 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम किया था. पुलिस को इनके पास से कई लग्जरी गाड़ियां बरामद हुई हैं जिनकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. इनमें से एक लग्जरी गाड़ी बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन से भी खरीदी गई थी.

GST फ्रॉड मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान संजय ढींगरा, कनिका ढींगरा और मयंक ढींगरा के तौर पर की गई है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं. इस मामले में अब तक पुलिस 41 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

25-25 हजार का इनाम था

जनवरी 2023 में नोएडा की थाना सेक्टर 20 पुलिस ने जीएसटी फ्रॉड मामले का खुलासा किया था. पुलिस के मुताबिक मामले के आरोपी फर्जी पैन कार्ड के जरिए फर्जी फर्म बनाकर बिल तैयार करते थे. उसके बाद उस बिल से GST ITC क्लेम कर के करोड़ों रूपये के राजस्व का चूना लगाते थे. मामले में दिल्ली का एक अरबपति बिजनेसमैन परिवार सहित फरार चल रहा था. इनके ऊपर पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था.

1 मई को थाना सेक्टर 20 पुलिस की टीम ने आरोपी अरबपति बिजनेसमैन संजय ढींगरा, कनिका ढींगरा और बेटे मयंक ढींगरा को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इन तीनों के पास से लगभग 10 करोड़ रुपये की कीमत की गाड़ियां बरामद की हैं. इसके अलावा 7 मोबाइल फोन और 1 लाख 41 हजार नगद बरामद किए गए हैं.

फर्जीवाड़े का पूरा खेल

दरअसल, साल 2022 के मई महीने में थाना सेक्टर 20 पुलिस को एक व्यक्ति ने शिकायत की थी. उसने बताया था कि उसके पैन कार्ड पर फर्जी फर्म तैयार करके जीएसटी की हेराफेरी की गई है. शिकायत मिलने के बाद थाना सेक्टर 20 पुलिस टेक्निकल सर्विलांस के माध्यम से मामले की जांच में जुटी. पुलिस ने इस पूरे नेक्सेस का खुलासा किया. 

पुलिस के अनुसार ये लोग फर्जी दस्तावेजों, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल आदि का उपयोग करके फर्जी फर्म व जीएसटी नंबर तैयार करते थे. फिर फर्जी फर्म और जीएसटी नंबर के फर्जी बिल का उपयोग करके जीएसटी रिफंड इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करके भारत सरकार के राजस्व को करोड़ों का चूना लगा रहे थे.

ऐसे बनती थी फर्जी फर्म

फर्जी फर्म तैयार करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर कंपनी जस्ट डायल के माध्यम से अवैध रूप से डेटा खरीदा जाता था. उसके बाद आरोपी छोटे कॉलोनी और मोहल्लों में रहने वाले शराबी लोगों को 1000-1500 रुपये का लालच देकर उन्हें भ्रमित करते थे. और उनके आधार कार्ड से फर्जी मोबाइल सिम नंबर रजिस्टर करवाते थे. इसके बाद ये ऑनलाइन रेंट एग्रीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी बिल को फर्जी तरीके से डाउनलोड करते थे. डाउनलोड किए गए रेंट एग्रीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल को एडिट करके फर्म का फर्जी एड्रेस तैयार किया जाता था.

फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी फर्म रजिस्टर कराई जाती थी. जीएसटी नंबर रजिस्टर करवाने के लिए आरोपी reg.gst.gov.in पर लॉगइन करते थे. वे रजिस्टर की गई फर्म से जीएसटी नंबर का उपयोग करके बिना माल का आदान-प्रदान किए फर्जी बिल तैयार करते थे. फिर इस फर्जी बिल का उपयोग करके भारत सरकार से जीएसटी रिफंड करा लेते थे.

रिपोर्ट के अनुसार इन फर्जी कंपनियों से गुड हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में कुल 68.15 करोड़ के आईटीसी का लाभ प्राप्त किया गया था.

मामले की जानकारी देते हुए डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया,

GST फ्रॉड मामले में फरार चल रहे तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके द्वारा 9 शेल कंपनी से 68.15 करोड़ का आईटीसी क्लेम किया था. इनके ऊपर 25-25 हज़ार का इनाम घोषित था.

डीसीपी के मुताबिक ये लोग गाड़ियां बदलते रहते थे, ताकि पकड़े ना जाएं. जैसे ही पकड़े जाने का खतरा बढ़ता था तो फिर से कंपनी का नाम बदल लेते थे. गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है. इस मामले में आगे और भी गिरफ्तारियां संभव हैं.

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