ये कहानी है पाकिस्तान में हिंदू घर में जन्म लेने के अभिशाप की. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक होने की पीड़ा और प्रताड़ना की. कभी वहां हिंदू लड़कियों पर अत्याचार होता है, कभी मस्जिद के बाहर लगे वॉटर कूलर से बच्चे के पानी पीने पर 60 हिंदुओं को बेरहमी से पीटा जाता है. हिंदू मंदिरों में तोड़-फोड़ और आगज़नी की कितनी ही घटनाएं हैं. पाकिस्तान में हिंदू होना कितना बुरा हो सकता है? तो समझते हैं कि कैसे एक सिस्टमेटिक ढंग से पाकिस्तान के सांप्रदायिक समाज और आसुरी सरकारों ने हिंदुओं को दूसरे दर्जे का नागरिक बना दिया? पाकिस्तान के समाज में हिंदुओं की स्थिति क्या है? और उन्हें कैसे धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता है? सबकुछ जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.
आसान भाषा में: भारतीय मुसलमानों के नाम पर भड़काने वाले पाकिस्तान में हिंदू किस हाल में जी रहे हैं?
पाकिस्तान के हिंदुओं की ये कहानी सिस्टम के भेदभाव, ग़रीबी और सामाजिक बहिष्कार की है, और उन्हें जबरन इस्लाम की ओर धकेलने की है. कुछ धर्मांतरण “अपनी मर्जी” के कहे जाते हैं, लेकिन असल में ये गरीबी, बंधुआ मजदूरी, भेदभाव और हाशिए से बाहर निकलने की जद्दोजहद है.
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